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बारिश के साथ गिरे ओले , सर्वाधिक बारिश रामगढ़ में 20 मिमी

locationजयपुरPublished: May 30, 2020 09:00:47 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

गर्मी से मिली राहत


प्रदेश में कई जिलों में शनिवार को बारिश के साथ ओले गिरे। इससे अधिकतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के बाद प्रदेश के मौसम में बड़ा बदलाव आया है। भीषण गर्मी की मार झेल रहे प्रदेश वासियों को शनिवार को प्रचंड गर्मी से काफी राहत मिली है। तापमान तकरीबन ६ से ७ डिग्री तक गिर गया। राजधानी में शनिवार शाम तकरीबन सात बजे अचानक काले बादलों की आवाजाही शुरू हुई और बारिश शुरू हो गई जो देर रात तक जारी रही। सुबह करीब 17 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से पुरवाई हवा चली। राजधानी जयपुर का अधिकतम तापमान ३५.२ डिग्री दर्ज किया गया।
अजमेर में ओलावृष्टि
अजमेर में शनिवार को बारिश के साथ कुछ जगह ओले भी गिरे। यहां तकरीबन शाम 6 बजे मौसम अचानक बदला और तेज हवा के साथ बारिश का दौर शुरू हो गया। बारिश के चलते कई जगह पानी भर गया। पिछले ३६ घंटों में राज्य के अनेक हिस्सों में मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश दर्ज हुई है।
जैसलमेर में ओलावृष्टि, अलवर में बारिश
मौसम विभाग के अनुसार जैसलमेर के चांधन में बारिश हुई, वहीं अलवर जिले पर बादल मेहरबान रहे। सबसे ज्यादा बारिश रामगढ़ में 20 मिमी दर्ज की गई। जैसलमेर के चांधन में ओलावृष्टि के बाद बारिश हुई। यहां का तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं चांधन में शनिवार दोपहर में अचानक मौसम बदला और आंधी शुरू हो गई। यहां आंधी के बाद ओलावृष्टि हुई और तकरीबन आधा घंटे तक बारिश होने से लोगों को गर्मी में काफी सुकून मिला।
अलवर जिले में सर्वाधिक बारिश रामगढ़ में 20 मिमी हुई। रामगढ़ उपखंड में बीते 48 घंटों में 38 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। पहले 24 घंटे में 18 और इसके बाद 20 मिमी पानी बरसा। शनिवार को भी मौसम ठंडा रहा।
कुछ दिन ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग ने पिछले दिनों प्रचंड गर्मी के कारण रेड अलर्ट जारी किया था, लेकिन अब पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण उसका असर लगभग समाप्त हो गया है। मौसम में आए बदलाव के बाद अब मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। यह 31 मई से 2 जून तक रहेगा। स्थानीय मौसम विभाग के मुताबिक अनुसार अगले 4 सेे5 दिनों के दौरान प्रदेश के कई इलाकों में आंधी, बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। यह सब वायुमंडल के निचले स्तरों में पूर्वी हवाओं के पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिलने से और अरब सागर में उच्च मात्रा में नमी प्रवाहित होने के कारण हो रहा है।

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