रोडवेज सूत्रों के मुताबिक स्मार्ट कार्ड व्यवस्था करीब सात-आठ माह से बिगड़ी हुई है। पहले कई बार चक्कर लगाने के बाद मिल रहे थे, लेकिन अब तीन माह से वितरण पूरी तरह ही बंद है। स्मार्ट कार्ड के जरिए वरिष्ठ नागरिक, विशेष योग्यजन, अस्थी विकलांग, मूक-बधिर, नेत्रहीन, गैलेन्ट्री अवॉर्ड विजेता, पदम पुरस्कार, पदक विजेता खिलाड़ी, मासिक पास होल्डर, पत्रकार, पुरस्कृत शिक्षकों सहित अन्य कई श्रेणियों में नि:शुल्क व रियायती सेवा के लिए पास जारी किए जाते हैं।
इस कारण अटके कार्ड जानकारों के मुताबिक घाटे में चला रहा रोडवेज प्रबंधन कार्ड बनाने वाली फर्म को समय पर भुगतान नहीं कर पा रहा। इससे प्रशासनिक पेचीदगी भी बढ़ गई हैं। ऐसे में रोडवेज व फर्म के बीच विवाद चल रहा है। यहीं कारण है कि कार्ड लोगों को समय पर नहीं मिल रहे।
अधिनियम में भी शामिल रोडवेज की ओर से स्मार्ट कार्ड जारी करने की व्यवस्था काम की गारंटी अधिनियम में शामिल है। ऐसे में तीन से सात दिन के अंदर स्मार्ट कार्ड रजिस्ट्रेशन के बाद मिलना चाहिए। इसके बावजूद रोडवेज प्रशासन कार्ड समय पर नहीं दिला पा रहा। ऐसे में रोजाना बड़ी संख्या में लोग रोडवेज कार्यालयों में धक्के खा रहे हैं। प्रदेश में कार्ड वितरण रूकने से करीब 25 हजार कार्डों का वितरण नहीं हो सका।
– 25,000 कार्डों को प्रदेश में अब तक नहीं हो सकता वितरण। – अक्टूबर-नवंबर में रजिस्ट्रेशन कराने वाले भी कार्ड के लिए परेशान हो रहे हैं।