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‘स्मार्ट सिटी’ प्रोजेक्ट की यह कैसी चाल, जनता हो रही बेहाल

locationजयपुरPublished: Mar 18, 2019 12:01:28 pm

Submitted by:

Mridula Sharma

कदम-कदम पर लोग हो रहे परेशान

smart city project

‘स्मार्ट सिटी’ प्रोजेक्ट की यह कैसी चाल, जनता हो रही बेहाल

अश्विनी भदौरिया/जयपुर. शहर के विकास का जिम्मा संभाल रहे विभाग और अधिकारी ही शहर की सूरत बिगाड़ते नजर आ रहे हैं। स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कामों को भी ठीक से नहीं करा पा रहे हैं। ये काम इतनी धीमी गति से चल रहे हैं कि लोगों को आवागमन में जगह-जगह भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। परकोटा लम्बे समय से छलनी पड़ा है। ऐसे में व्यापारी परेशान हैं। काम-कारोबार चौपट होने से त्रस्त चांदपोल बाजार के दुकानदारों ने तो दुकानों की चाबियां ही स्मार्ट सिटी के कार्यालय में जमा कराने की चेतावनी दी है।
वहीं, केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना ‘स्वदेश दर्शन’ के तहत कृष्णा सर्किट का काम शुरू तो हो गया लेकिन मंथर गति से चल रहा है। इधर रामनिवास बाग की सफाई व्यवस्था जेडीए की अनदेखी के कारण बिगड़ रही है। वहां गन्दगी के कारण सुबह-शाम भ्रमण पर आने वाले शहरवासी और दिनभर पहुंचने वाले सैलानी परेशान हो रहे हैं।
हे गोविंद! कृष्णा सर्किट चल रहा ‘कछुआ चाल’
केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना ‘स्वदेश दर्शन’ के तहत देशभर में कृष्णा सर्किट बनाया जा रहा है। योजना के अनुसार सर्किट में शामिल गोविंददेवजी मंदिर के आस-पास के क्षेत्र (जयनिवास उद्यान) को विकसित किया जा रहा है। 2017 में शुरू हुए इस कार्य को अगस्त, 18 तक पूरा किया जाना था, लेकिन यहां कछुआ चाल से हो रहे निर्माण कार्य के चलते आगामी पांच-छह माह में भी कार्य पूरा होने के आसार कम ही हैं।
केंद्र सरकार ने रोकी रकम : दरअसल, उक्त योजना के तहत राज्य भर में 90 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसमें गोविंददेव जी के अलावा नाथद्वारा और खाटूश्याम मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में विकास कार्य प्रस्तावित हैं।
– जयनिवास उद्यान में काम की गति धीमी है। इसे अगस्त तक पूरा होना था, अब जल्द ही इसे पूरा कर दिया जाएगा। हालांकि कुछ रकम अभी केंद्र सरकार से मिलनी है। उसके आते ही काम गति पकड़ेगा। -माधव शर्मा, कार्यकारी निदेशक, आरटीडीसी
व्यापारी बोले, सब्र की भी हद होती है
चांदपोल बाजार में स्मार्ट कार्य का काम दिनों दिन लंबा खिंचने से बाजार आने वाले लोगों के साथ ही अब दुकानदारों का सब्र भी खत्म होता जा रहा है। बाजार में 55 दिन का काम बता यूटिलिटी डक्ट डालने का काम 70वें दिन भी अनवरत जारी है। इससे दिन भर मुख्य सड़क और गलियों में जाम रहता है बल्कि होली का बाजार भी प्रभावित हो रहा है। जिस हिस्से में डक्ट डाले जाने का काम हो गया है, वहां पर भी दुरुस्त नहीं किया गया। व्यापारियों ने कहा कि ऐसे ही काम चला तो होली के बाद प्रतिष्ठानों की चाबियां स्मार्ट सिटी के कार्यायल में जमा करा देंगे। इधर, किशनपोल बाजार में सबसे पहले स्मार्ट रोड बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन पूरा नहीं हो पाया है। बाजार के प्रवेश और निकास पर स्मार्ट पोल लगाने के साथ ही डिजिटल मीटर, सीसीटीवी कैमरे लगने हैं। अभी यहां 15 दिन और लग सकते हैं।
– निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है। होली की बिक्री पूरी तरह से ठप है। जाम की वजह से ग्राहक नहीं आ रहे। होली से पहले व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो व्यापारी बाजार बंद कर चाबियां स्मार्ट सिटी के ऑफिस में जमा करा आएंगे। – सुभाष गोयल, अध्यक्ष चांदपोल बाजार व्यापार मंडल
– निर्माण कार्य लगातार चल रहा है। चांदपोल बाजार में जल्द ही निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा। यातायात के दबाव के कारण काम प्रभावित हो रहा है। – आलोक रंजन, सीईओ, स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट

नगर निगम चाहता है सफाई, जेडीए बिगाड़ रहा सूरत
जेडीए की अनदेखी के कारण रामनिवास बाग की सूरत लगातार बिगड़ रही है। मसाला चौक शुरू हुआ तब से बाग में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। पार्कों से लेकर सड़क किनारों तक कचरा पात्र कचरे से भरे रहते हैं। जगह-जगह गन्दगी पसरी रहती है लेकिन जेडीए ध्यान नहीं दे रहा। बाग में दिनभर में शहरवासियों सहित हजारों सैलानियों की आवाजाही रहती है। अल्बर्ट हॉल और चिडिय़ाघर पर भ्रमणार्थियों का तांता लगा रहता है। सुबह-शाम भ्रमण के लिए भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इसके बावजूद जेडीए सफाई व्यवस्था के प्रति गम्भीर नहीं है। सफाई का जिम्मा अभी जेडीए की उद्यान शाखा देख रही है, जिसने यह काम निजी फर्म को सौंप रखा है।
निगम ने मांगी राशि, जेडीए चुप : पिछले साल 5 फरवरी को मसाला चौक के निरीक्षण के दौरान जेडीसी व निगम आयुक्त ने तय किया कि सफाई व्यवस्था निगम देखेगा। निगम ने सड़कों, फुटपाथ, गार्डन को साफ रखने के लिए 17 मई को जेडीए को पत्र भेजा कि एक साल के लिए 43.20 लाख रुपए जमा कराएं। लेकिन जेडीए ने अब तक जवाब नहीं दिया। पत्र में निगम ने 2 हजार वर्गमीटर में फैले बाग को साफ करने के लिए 40 सफाईकर्मियों की जरूरत बताई थी।
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