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SMS अस्पताल में लूट का खेल, दवा के नाम पर मरीजों को लूट रहे लपके

locationजयपुरPublished: Sep 24, 2019 12:25:03 pm

Submitted by:

Kartik Sharma

प्रदेश के सबसे बड़े (SMS Hospital)सवाई मानसिंह अस्पताल में इन दिनों लपका गिरोह सक्रिय है जो अस्पताल में आने वालों मरीज के परीजनों को अपने जाल में फंसाता है और अपने कमीशन वाली (Medical Store)मेडिकल दुकान तक ले जाकर दवा दिलवाता हैं.अस्पताल में दवा दुकानों के लपकों की कारगुजारी इतनी जड़ें जम चुकी है कि हर साल लपके आस पास की दवा दुकानों को करीब 10 से 15 करोड़ से अधिक का दवा कारोबार दिला रहे हैं.

Smash game in sms hospital
करीब 10 से 12 ऐसी निजी दवा दुकानें आस पास बताई जा रही है, जिनके लपके एसएमएस अस्पताल के मुख्य पोर्च, बांगड़ परिसर के आस पास, धन्वन्तरि आउटडोर, चरक भवन के आस पास लगातार देखे गए हैं. अस्पताल परिसर में ओपीडी समय के दौरान करीब 15 से 20 और उसके बाद भी करीब 10 लपके हमेशा सक्रिय रहते हैं.जिन स्थानों पर लपके सक्रिय रहते हैं, उनके आस पास बमुश्किल 20 से 50 और 100 मीटर तक के दायरे में प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टरों के कक्ष भी हैं। लेकिन कुछ मामलों को छोडक़र आज तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर ने सक्रियता दिखा दवा लपकों को पुलिस के हवाले नहीं करवाया। कुछ समय पहले अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल को जोन में बांटकर अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टरों का क्षेत्रवार कार्य विभाजन कर दिया था. ये अधिकारी अस्पता में मौजूद रहकर अपने क्षेत्र में भी घूमते हैं.

अस्पताल ने इस साल की शुरूआत में ही लपकों को रोकने की योजना बनाई थी. इनडोर मरीजों के परिजनों के आस पास लपकों को नहीं आने देने के लिए लाइफ लाइन तक (Online drug prescription) ऑनलाइन दवा पर्ची पहुंचाने की योजना थी. इसे आईसीयू व अन्य विभाग में शुरू कर दिया गया है। अस्पताल ने इसके लिए एक हैल्पर और एक फार्मासिस्ट को छह-छह वार्ड दिए हुए है.ये दोनों कर्मचारी वार्ड या आईसीयू से दवा पर्चियां एकत्रित कर काउंटर तक पहुंचाते हैं. निशुल्क दवा काउंटर से मरीज के परिजन को सीआर नंबर दिया जाता है. मरीज के परिजन को लाइफ लाइन काउंटर पर जाकर सीधे सीआर नंबर देना होता है। इससे बीच में मिलने वाले लपकों तक दवा पर्ची नहीं पहुंच पाती लेकिन अस्पताल की यह योजना कम्प्यूटरों की कमी और नेटवर्क कनेक्टिविटी की कमी के कारण इन वार्डों और विभागों से आगे ही नहीं बढ़ पाई.