READ : एसएमएस में स्वाइन फ्लू के मरीजों का होगा कैटेग्राइजेशन लगेंगे डिसप्ले बोर्ड, पता चलेगा डॉक्टर है या नहीं..
वेटिंग रूम में मरीजों की सुविधा के लिए हर विभाग का डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। इससे मरीजों को वेटिंग रूप मेें ही पता चल जाएगा कि कौनसा डॉक्टर छुट्टी पर है और कौनसा ड्यूटी पर। इससे मरीज सीधे उस डॉक्टर के पास जा सकेंगे।
वेटिंग रूम में मरीजों की सुविधा के लिए हर विभाग का डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। इससे मरीजों को वेटिंग रूप मेें ही पता चल जाएगा कि कौनसा डॉक्टर छुट्टी पर है और कौनसा ड्यूटी पर। इससे मरीज सीधे उस डॉक्टर के पास जा सकेंगे।
अब यह होती है स्थिति..
फिलहाल की बात करें तो धन्वंतरि भवन में रोज का ओपीडी ८-१० हजार आ रहा है। धन्वंतरि भवन में एक दर्जन से अधिक काउंटर है, जिनपर कतार देखने को मिलती है। ऐसे में धन्वंतरि के अंदर इतनी भीड़ हो जाती है कि निकलना तक मुशिकल हो जाता है। ऐसे में आधी भीड़ तो वेटिंग रूम में ही रहेगी। सिर्फ डॉक्टर को दिखाने वाले ही धन्वंतरि में मौजूद रहेंगे।
ये काउंटर है धन्वंतरि भव्र में..
-सामान्य रजिस्टे्रशन काउंटर
-महिला रजिस्ट्रेशन कांउटर
-स्टॉफ काउंटर
-बीवीएल काउंटर
-हैंडीक्राफ्ट काउंटर
-सीनियर सिटीजन काउंटर
यह होती है धन्वंतरि की स्थिति..
-८-१० हजार रजिस्ट्रेशन होते हैं रोज
-१० से अधिक काउंटर हैं धन्वंतरि भवन में
-१५००-२००० लोग रजिस्ट्रेशन के लिए खड़े रहते हैं कतार में
-८ बजे से शुरू हो जाती है काउंटरों पर कतार
-३ बजे तक है ओपीडी का समय
-सामान्य रजिस्टे्रशन काउंटर
-महिला रजिस्ट्रेशन कांउटर
-स्टॉफ काउंटर
-बीवीएल काउंटर
-हैंडीक्राफ्ट काउंटर
-सीनियर सिटीजन काउंटर
यह होती है धन्वंतरि की स्थिति..
-८-१० हजार रजिस्ट्रेशन होते हैं रोज
-१० से अधिक काउंटर हैं धन्वंतरि भवन में
-१५००-२००० लोग रजिस्ट्रेशन के लिए खड़े रहते हैं कतार में
-८ बजे से शुरू हो जाती है काउंटरों पर कतार
-३ बजे तक है ओपीडी का समय
—
धन्वंतरि में कतार में हजारों मरीज खड़े रहते हैं। ऐसे में भवन में मरीजों की भीड़भाड़ ज्यादा रहती है। इसी को देखते हुए रजिस्ट्रेश काउंटरों को बाहर शिफ्ट किया जा रहा है। काम शुरू हो गया है।
डीएस मीणा, अधीक्षक एसएमएस अस्पताल
धन्वंतरि में कतार में हजारों मरीज खड़े रहते हैं। ऐसे में भवन में मरीजों की भीड़भाड़ ज्यादा रहती है। इसी को देखते हुए रजिस्ट्रेश काउंटरों को बाहर शिफ्ट किया जा रहा है। काम शुरू हो गया है।
डीएस मीणा, अधीक्षक एसएमएस अस्पताल