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अब एसएमएस अस्पताल में बाउंसरों के पहरे में होगा इलाज, 16 बाउंसर किए तैनात, डॉक्टरों को देंगे सुरक्षा

locationजयपुरPublished: Nov 11, 2019 08:22:26 pm

एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने रेजिडेंट डॉक्टर की मांग पर स्वीकृति देते हुए बाउंसरों को अस्पताल में किया तैनात, मारपीट के बाद लिया निर्णय

अब एसएमएस अस्पताल में बाउंसरों के पहरे में होगा इलाज, 16 बाउंसर किए तैनात, डॉक्टरों को देंगे सुरक्षा

अब एसएमएस अस्पताल में बाउंसरों के पहरे में होगा इलाज, 16 बाउंसर किए तैनात, डॉक्टरों को देंगे सुरक्षा

अविनाश बाकोलिया / जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल में मरीज और उनके परिजनों को इलाज से पहले बाउंसरों से रूबरू होना पड़ेगा। बाउंसर अस्पताल में डॉक्टरों को ‘गार्ड’ करते नजर आएंगे। अस्पताल प्रशासन ने सोमवार को रेजिडेंट डॉक्टर की मांग पर स्वीकृति देते हुए बाउंसरों को अस्पताल में तैनात भी कर दिया है। हालांकि अस्पताल प्रशासन इसे महज डॉक्टरों का कॉन्फिडेंस बढऩा मान रहा है।
जानकारी के अनुसार फिलहाल एसएमएस अस्पताल की आपातकालीन इकाई और ट्रोमा में बाउंसर लगाए गए हैं। आठ-आठ बाउंसरों की शाम और रात में ड्यूटी रहेगी। राजस्थान पत्रिका ने इस संबंध में पहले ही एसएमएस अस्पताल में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए बाउंसर लगाए जाने की जानकारी दे दी थी। अस्पताल में आज दिनभर बाउंसर स्टॉफ से लेकर मरीज और परिजनों के लिए चर्चा का विषय बने रहे।
मारपीट के बाद लिया निर्णय
जानकारी रविवार को साउथ विंग सैकंड में आगरा से एक मरीज सफरुद्दीन (65) भर्ती हुआ था। मरीज को क्रॉनिक किडनी डिजीज, प्रोटेस्ट कैंसर था। लंबे समय से दवाइयां चल रही थी। उस समय रेजिडेंट डॉक्टर मनीष कुमार ड्यूटी पर थे। डॉक्टर ने परिजनों को पहले ही मरीज की हालत के बारे में बता दिया था। एक घंटे बाद मरीज की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर के साथ हाथापाई शुरू कर दी। मारपीट की घटना के बाद जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर (जार्ड) की ओर से सोमवार को विरोध किया। डॉक्टर से मारपीट की घटना के बाद जार्ड पदाधिकारियों की अस्पताल प्रशासन के साथ वार्ता हुई। वार्ता में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बाउंसर लगाने की मांग रखी गई। हालांकि यह मांग काफी समय से अस्पताल प्रशासन के सामने रखी जा रही थी।
अस्पताल प्रशासन का तर्क
अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि रेस्को से एक्स आर्मीमैन लगाने की बात चल रही थी, लेकिन उन्होंने ज्यादा संख्या में आर्मीमैन देने से मना कर दिया। इसलिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की, जिसमें तीन कंपनियों का चयन किया गया। तीनों कंपनियां ठीक से काम नहीं कर रही है। इसलिए उन्हें नोटिस दिया गया। सोमवार को फिर से रेस्को को बुलाया गया। कंपनी ने 150 पूर्व आर्मीमैन देने का आश्वासन दिया है।
मरीजों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होगी। बाउंसर केवल मारपीट की घटनाएं नहीं हो इसलिए लगाए गए हैं। बाउंसरों को निर्देश दे दिए हैं कि आमजन को तकलीफ नहीं होनी चाहिए।
– डॉ. डी.एस. मीणा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल

कई बार क्रिटिकली पेशेंट के साथ भीड़ भी आ जाती है। घटना होती है तो भीड़ उग्र हो जाती है। बाउंसर रेजिडेंटस को कॉन्फिडेंट देने के लिए लगाए गए हैं।
– डॉ. सुधीर भंडारी, प्रिंसिपल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज

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