जानकारी रविवार को साउथ विंग सैकंड में आगरा से एक मरीज सफरुद्दीन (65) भर्ती हुआ था। मरीज को क्रॉनिक किडनी डिजीज, प्रोटेस्ट कैंसर था। लंबे समय से दवाइयां चल रही थी। उस समय रेजिडेंट डॉक्टर मनीष कुमार ड्यूटी पर थे। डॉक्टर ने परिजनों को पहले ही मरीज की हालत के बारे में बता दिया था। एक घंटे बाद मरीज की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर के साथ हाथापाई शुरू कर दी। मारपीट की घटना के बाद जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर (जार्ड) की ओर से सोमवार को विरोध किया। डॉक्टर से मारपीट की घटना के बाद जार्ड पदाधिकारियों की अस्पताल प्रशासन के साथ वार्ता हुई। वार्ता में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बाउंसर लगाने की मांग रखी गई। हालांकि यह मांग काफी समय से अस्पताल प्रशासन के सामने रखी जा रही थी।
अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि रेस्को से एक्स आर्मीमैन लगाने की बात चल रही थी, लेकिन उन्होंने ज्यादा संख्या में आर्मीमैन देने से मना कर दिया। इसलिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की, जिसमें तीन कंपनियों का चयन किया गया। तीनों कंपनियां ठीक से काम नहीं कर रही है। इसलिए उन्हें नोटिस दिया गया। सोमवार को फिर से रेस्को को बुलाया गया। कंपनी ने 150 पूर्व आर्मीमैन देने का आश्वासन दिया है।
– डॉ. डी.एस. मीणा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल
कई बार क्रिटिकली पेशेंट के साथ भीड़ भी आ जाती है। घटना होती है तो भीड़ उग्र हो जाती है। बाउंसर रेजिडेंटस को कॉन्फिडेंट देने के लिए लगाए गए हैं।
– डॉ. सुधीर भंडारी, प्रिंसिपल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज