लीकेज के दौरान पानी का प्रेशर इतनी तेजी से आया कि कुछ ही देर में रेडियो डायग्नोसिस विभाग में पानी भर गया। जिससे एक घंटे तक काम ठप हो गया। एक्स-रे और सोनोग्राफी नहीं हो सकी। पानी भरने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कम्प्यूटर ऑपरेटर मुकेश ने बताया कि खिड़की के पास ही हाइडें्रट की लाइन है। अचानक लीकेज हुआ तो पानी तेजी से खिड़की पर आने लगा। घबराकर सारे कम्प्यूटर बंद कर दिए और सभी बाहर निकल गए।
आधे घंटे तक लगातार पानी बहने से भूतल पर लाइफ लाइन स्टोर के बाहर तरणताल बन गया। लाइफ लाइन स्टोर और आस-पास के कमरों में भी पानी भर गया। कर्मचारियों को पानी निकालने में करीब एक घंटे का समय लगा। इस दौरान गेट नंबर दो की तरफ जाने वाले मरीजों को कोरिडोर में ही रोका गया।