जनरल्स देखें, इसके बाद तय किया
डॉ. सुधीर भंडारी, डॉ. रमन शर्मा, डॉ. प्रकाश केसवानी, डॉ. अजीत सिंह और डॉ. अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि दो मार्च को जब इटली के पुरुष मरीज को कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला। पेशेंट को किसी भी तरह से बचाना है। इसलिए दवा तो देनी ही थी। इसलिए कई लिटरेचर देखा। कम से कम 10-15 लिटरेचर पढ़े कि किन-किन बीमारियों में इन दवाओं का इस्तेमाल हुआ है। फिर दो मार्च की शाम से ही इटली के मरीज की दवा शुरू कर दी। नतीजा सबके सामने हैं। एसएमएस अस्पताल के आइसोलेशन में भर्ती कोरोना पॉजिटिव तीन मरीजों को दो सप्ताह में ही ठीक कर दिया गया।
डॉ. सुधीर भंडारी, डॉ. रमन शर्मा, डॉ. प्रकाश केसवानी, डॉ. अजीत सिंह और डॉ. अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि दो मार्च को जब इटली के पुरुष मरीज को कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला। पेशेंट को किसी भी तरह से बचाना है। इसलिए दवा तो देनी ही थी। इसलिए कई लिटरेचर देखा। कम से कम 10-15 लिटरेचर पढ़े कि किन-किन बीमारियों में इन दवाओं का इस्तेमाल हुआ है। फिर दो मार्च की शाम से ही इटली के मरीज की दवा शुरू कर दी। नतीजा सबके सामने हैं। एसएमएस अस्पताल के आइसोलेशन में भर्ती कोरोना पॉजिटिव तीन मरीजों को दो सप्ताह में ही ठीक कर दिया गया।
यह दवा एंटी वायरल है, जो वायरस मारने के काम आती है
चिकित्सकों का कहना है कि ये एंटी वायरल दवा है, जो वायरस को मारने के काम आती है। कोरोना वायरस तो अब आया है इससे पहले एचआइवी के मरीजों को ठीक करने के काम में ये दवा लेते थे। कोरोना नया वायरस है उसमें पता ही नहीं था कि दवा कौनसी देनी है। लोपिनाविर और रिटोनाविर दवा का इस्तेमाल किया गया।
चिकित्सकों का कहना है कि ये एंटी वायरल दवा है, जो वायरस को मारने के काम आती है। कोरोना वायरस तो अब आया है इससे पहले एचआइवी के मरीजों को ठीक करने के काम में ये दवा लेते थे। कोरोना नया वायरस है उसमें पता ही नहीं था कि दवा कौनसी देनी है। लोपिनाविर और रिटोनाविर दवा का इस्तेमाल किया गया।
मेडिकल कॉलेज में बनेगा एडवायजरी बोर्ड
चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में एडवायजरी बोर्ड का गठन किया जाएगा। कोरोना का इलाज सब जगह एक जैसा हो। गाइड लाइन के तहत मरीज का इलाज और सावधानियां बरती जाए यह बोर्ड की ओर से ही संचालित होगा।
चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में एडवायजरी बोर्ड का गठन किया जाएगा। कोरोना का इलाज सब जगह एक जैसा हो। गाइड लाइन के तहत मरीज का इलाज और सावधानियां बरती जाए यह बोर्ड की ओर से ही संचालित होगा।