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एसएमएस की उपलब्धि: जिन दवाओं से कोरोना पॉजिटिव मरीज हुए ठीक, केन्द्र ने भी किया रिकमंड

locationजयपुरPublished: Mar 20, 2020 04:03:59 pm

कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दी जा सकेगी यह दवा, हमारे चिकित्सकों ने लिटरेचर पढ़ा, खोजा और अपनाया

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अविनाश बाकोलिया / जयपुर. देशभर में कोरोना का कहर है। कोरोना संदिग्ध मरीजों का अस्पतालों में आना जारी है, वहीं सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों ने जिन दवाओं के कॉम्बिनेशन से कोरोना पॉजिटिव इटली दम्पती और 85 वर्षीय आदर्श नगर निवासी बुजुर्ग को ठीक करने में सफलता हासिल की है। अस्पताल के चिकित्सकों ने एक और उपलब्धि पाई है, जिन दवाओं के प्रयोग से मरीज कोरोना फ्री हुए उन दवाओं को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने रिकमंड किया है। आपातकालीन स्थिति में कोरोना पॉजिटिव मरीज को ये दवाएं दे सकते हैं।
जनरल्स देखें, इसके बाद तय किया
डॉ. सुधीर भंडारी, डॉ. रमन शर्मा, डॉ. प्रकाश केसवानी, डॉ. अजीत सिंह और डॉ. अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि दो मार्च को जब इटली के पुरुष मरीज को कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला। पेशेंट को किसी भी तरह से बचाना है। इसलिए दवा तो देनी ही थी। इसलिए कई लिटरेचर देखा। कम से कम 10-15 लिटरेचर पढ़े कि किन-किन बीमारियों में इन दवाओं का इस्तेमाल हुआ है। फिर दो मार्च की शाम से ही इटली के मरीज की दवा शुरू कर दी। नतीजा सबके सामने हैं। एसएमएस अस्पताल के आइसोलेशन में भर्ती कोरोना पॉजिटिव तीन मरीजों को दो सप्ताह में ही ठीक कर दिया गया।
यह दवा एंटी वायरल है, जो वायरस मारने के काम आती है
चिकित्सकों का कहना है कि ये एंटी वायरल दवा है, जो वायरस को मारने के काम आती है। कोरोना वायरस तो अब आया है इससे पहले एचआइवी के मरीजों को ठीक करने के काम में ये दवा लेते थे। कोरोना नया वायरस है उसमें पता ही नहीं था कि दवा कौनसी देनी है। लोपिनाविर और रिटोनाविर दवा का इस्तेमाल किया गया।
मेडिकल कॉलेज में बनेगा एडवायजरी बोर्ड
चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में एडवायजरी बोर्ड का गठन किया जाएगा। कोरोना का इलाज सब जगह एक जैसा हो। गाइड लाइन के तहत मरीज का इलाज और सावधानियां बरती जाए यह बोर्ड की ओर से ही संचालित होगा।

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