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जयपुर

मेडिकल कॉलेज में कोरोना की दस्तक, कर्मचारी जांच के लिए कहते रहे, वह टालता रहा

— कैंटीन के साथ रात में करता था गार्ड का भी काम — कैंटीन को सीज करने के साथ करवाया गया सेनेटाइज

जयपुरApr 06, 2020 / 10:17 am

Avinash Bakolia

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जयपुर. सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। कॉलेज की कैंटीन में काम करने वाले व्यक्ति की कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि होने के बद कैंटीन को सीज कर कैंटीन को पूरा सेनेटाइज करवाया गया।
चिकित्सा विभाग के अनुसार घाटगेट अमृतपुरी निवासी 49 वर्षीय व्यक्ति कैंटीन में बर्तन धोने और साफ-सफाई का काम करता है। फिलहाल कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री खंगाली जा रही है। चिकित्सकों ने बताया कि शनिवार को खांसी-जुकाम की शिकायत के बाद चरक भवन के ऑब्जर्वेशन वार्ड में भर्ती हुआ था। रविवार को मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया।
कैंटीन से भेजा, तब पहुंचा था जांच करवाने

जानकारी के अनुसार कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को दो-तीन दिन से खांसी की दिक्कत थी। एक-दो बार कर्मचारियों ने उसे अस्पताल में जांच करवाने को कहा, लेकिन वह टालता रहा। कैंटीन संचालक जोनू ने बताया कि शनिवार को सुबह जब कैंटीन आया तो कॉलेज के कर्मचारियों ने कहा इसे खांसी हो रही है। चैकअप करवाने अस्पताल ले जाओ। हमने उसे दिखाने को कहा तब जाकर वह खुद साइकिल पर अस्पताल जांच करवाने गया। कैंटीन संचालक ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति बर्तन धोने का ही काम करता था। वह और रामसिंह दोनों ने अस्पताल में जांच करवा ली है। चिकित्सकों ने होम क्वारेंटाइन में रहने को कहा है। जोनू ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति रात के समय गार्ड की नौकरी करता था।
डॉक्टर, स्टाफ में चिंता, कहीं उन्हें न हो जाए कोरोना

अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि इस कैंटीन से कोरोना में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर, प्रिंसिपल ऑफिस का स्टाफ, फिजियोलॉजी विभाग, बायोकैमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी लैब के फैकल्टी और रेजिडेंट चाय- नाश्ता करते थे। अब सभी को चिंता इस बात की है, कि कहीं वे सब कोरोना वायरस की चपेट में न आ जाए।
आरडी हॉस्टल के मैस वर्कर भी घबराए, रेजिडेंट डॉक्टरों ने दिए मास्क

कैंटीन में कोरोना पॉजिटिव की सूचना के बाद आरडी हॉस्टल में की मैस में काम करने वाले कर्मचारी भी घर जाने की जिद करने लगे। हॉस्टल में रहने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों ने समझाइश कर उन्हें रोका। डॉक्टरों ने अपने स्तर पर कर्मचारियों को मास्क उपलब्ध करवाए। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स(जार्ड) ने कोरोना के चलते सर्कुलर निकाला है कि अब रेजिडेंट डॉक्टरों के कमरों में ही खाना सप्लाई किया जाए। पहले हॉस्टल की मैस में ही रेजिडेंट खाना खाने आते थे।
कोरोना ड्यूटी में लगे चिकित्सक हॉस्टल में खाते हैं खाना, खतरा हमेशा रहता है

जार्ड अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र जांगू ने बताया कि कोरोना की ड्यूटी में लगे चिकित्सकों के लिए अस्पताल प्रशासन ने होटल में रूकने की व्यवस्था की है। लेकिन खाने की कोई व्यवस्था नहीं की। कोरोना ड्यूटी वाले चिकित्सक सब हॉस्टल की मैस में ही खाना खा रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा रहता है।
जुटाई जा रही है जानकारी

पिछले दिनों में यह व्यक्ति किस—किस से मिला तथा कैंटीन में किस—किस को चाय—नाश्ता करवाया उसकी पूरी जानकारी जुटाई जा रहीं हैं। संदेह के आधार पर कई लोगों की कोरोना की जांच भी करवाई गई है, जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
गनीमत रही कि कॉलेज में छुट्टियां चल रही है नहीं तो…

अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि गनीमत रही कि कॉलेज में छुट्टियां चल रही है। सभी विभाग बंद है। सिर्फ कोरोना से संबंधित विभाग और प्रिंसिपल ऑफिस खुला है। करीब एक हजार यूजी स्टूडेंट घर गए हैं। ये स्टूडेंट इस कैंटीन में भी नाश्ता करते हैं। यदि छुट्टियां नहीं होती तो संक्रमण का खतरा और फैल जाता।
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कुछ माह पूर्व ही दिया था ठेके पर
जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज की इस कैंटीन को पहले अस्पताल प्रशासन चलाता था। जनवरी में ही इसे ठेके पर दे दिया गया है।
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जैसे ही पता चला कि कैंटीन में काम करने वाला व्यक्ति रामगंज क्षेत्र से आ रहा है, तो उसे जांच करवाने के लिए कहा गया। चिंता की कोई बात नहीं है। चिकित्सक या स्टाफ उसके सीधे सम्पर्क में नहीं आए है। बाकी निगरानी रखी जा रही है।
– डॉ. सुधीर भंडारी, प्रिंसिपल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज
चिकित्सकों में डर माहौल तो है, लेकिन सावधानी बरती जा रही है। कैंटीन को बंद कर दिया गया है। साथ ही चिकित्सकों की भी जांच करवाएंगे, किसी में कोई लक्षण तो नहीं है।
– डॉ. डी.एस. मीणा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल

कैंटीन में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से सभी रेजिडेंट चिकित्सक आशंकित है कि इसके सम्पर्क में आए डॉक्टर यदि संक्रमित हो गए तो ये कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का जरिया बन सकता है। इसलिए जार्ड मांग करती है कि सभी चिकित्सकों की स्क्रीनिंग करवाई जाए।
— डॉ. रामचंद्र जांगू, अध्यक्ष, जार्ड

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