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रेजीडेंट के सुसाइड के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने उठाया यह कदम, पढ़ें खबर

locationजयपुरPublished: Jul 25, 2019 02:01:41 pm

Submitted by:

SAVITA VYAS

SMS Medical College : रेजीडेंट डॉक्टर साक्षी गुप्ता के आत्महत्या करने के बाद स्त्री रोग विभाग की गाइड आवंटन प्रक्रिया नए सिरे से

residence doctors

रेजीडेंट सुसाइड के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने उठाया यह कदम

जयपुर। एसएमएस मेडिकल कॉलेज ( SMS Medical College ) के महिला अस्पताल में रेजीडेंट डॉक्टर साक्षी गुप्ता के आत्महत्या करने के बाद कॉलेज प्रशासन को स्त्री रोग विभाग की गाइड आवंटन प्रक्रिया नए सिरे से करनी पड़ी है।
पिछले दिनों कॉलेज के कई विभागों से डॉक्टरों के तबादले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निरीक्षण के चलते किए गए थे। निरीक्षण के बाद इन्होंने वापस एसएमएस में ज्वाइन कर लिया मगर गाइड आवंटन प्रक्रिया में इनका नाम शामिल नहीं हो पाया। बाद में इन मेडिकल टीचर्स ने कॉलेज प्रशासन को इसकी सूचना दी। साक्षी की मौत के बाद कॉलेज ने नए सिरे से गाइड आवंटन कराया। सभी रेजीडेंट्स के काम का समय आठ घंटे तय करने की कोशिश भी मेडिकल कालेज प्रशासन कर रहा है।
पसंद के आधार पर होता है गाइड आवंटन
कॉलेज में गाइड आवंटन रेजीडेंट्स की पसंद-वरीयता पर होता है। महिला चिकित्सालय में पीजी द्वितीय वर्ष की कुछ रेजीडेंट्स से बात की तो उन्होंने कहा कि गाइड का आवंटन फिर से हुआ है। अधीक्षक डॉ. अंशु वर्मा ने कहा कि गाइड पुन: आवंटन के बाद जूनियर रेजीडेंट्स ने ज्वाइन किया है। कुछ शिक्षकों को गाइड आवंटित नहीं हो पाए थे।
रेजीडेंट ने किया था सुसाइड
सांगानेरी महिला अस्पताल में जूनियर रेजीडेंट साक्षी गुप्ता ने कुछ दिनों पहले फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक रेजीडेंट के परिजनों ने सीनियर्स पर परेशान करने का आरोप लगाया था, जिससे तंग आकर ही खुदकुशी जैसा कदम उठाया था। पंजाब की निवासी रेजीडेंट साक्षी गुप्ता यहां पर प्रसूतिशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएशन करने के लिए आई थी। उसने बीती 8 मई को यहां के जनाना अस्पताल में प्रवेश लिया था।
साक्षी के पिता सुमेश गुप्ता ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को कॉलेज के कुछ सीनियर्स अक्सर परेशान किया करते थे। कई बार वह सबके सामने उसका मजाक बनाते थे और उसे खाना खाने के लिए वक्त भी नहीं दिया जाता था।’ साक्षी के पिता ने यह आरोप भी लगाया कि सीनियर्स उनकी बेटी की क्लास के अन्य स्टूडेंट्स के साथ भी दुर्व्यवहार करते थे। इसके घटना के विरोध में रेजीडेंटस डॉक्टर्स ने कैंडल मार्च भी निकाला था।
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