यहां मरीज गर्मी से बेहाल दिखे। न्यू मेडिकल आइसीयू 2 व 3 में भर्ती गंभीर मरीजों की सांसें ंअटकी रही। नजारा देखकर यहां तैनात चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और मरीजों के परिजन घबरा गए। करीब दो घंटे तक परिजन व नर्सिंगकर्मी एक्यूरेव बाइपेप व बैंसर किट से हाथों से पंप करके ऑक्सीजन देकर सांसें बचाने की जुगत में जुट रहे। शाम करीब 6.15 बजे विद्युत लाइन को ठीक कर दिया गया। जिसके बाद आपूर्ति सामान्य हो गई।
व्यवस्थाओं की खुली पोल
हादसे ने अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। न्यू मेडिकल आइसीयू के लिए यहां जनरेटर का इंतजाम भी नहीं था। जबकि यहां गंभीर मरीज भर्ती होते है। कई मरीज तो वेंटिलेटर पर होते हैं।
आईसीयू किसे कहते हैं
ऐसे मरीजों को जिन्हें कोई गंभीर मेडिकल परेशानी होती है, उन्हें विशेष प्रकार की सेवा दी जाती है उसे इंटेंसिव केयर यानी गहन देखभाल कहा जाता है। अस्पताल के जिस वार्ड में यह सेवा दी जाती है उसे इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) यानी गहन देखभाल इकाई कहा जाता है। इस प्रकार आईसीयू अस्पताल के ऐसे विशेषज्ञ वार्ड होते हैं जिनमें बहुत अधिक बीमार लोगों के लिए उपचार और निगरानी प्रदान करने का कार्य किया जाता है। यहाँ पर विशेष निगरानी उपकरण भी होते हैं।
शॉर्ट सर्किट से बिजली गुल हो गई थी। कुछ देर बार दुरुस्त कर दी गई। कोई अनहोनी नहीं हुई।
डॉ.विनय मल्होत्रा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल