script

वतन वापसी भूले प्रवासी लंगर फाल्कन और स्टेपी ईगल

locationजयपुरPublished: Jun 07, 2020 05:19:13 pm

Submitted by:

jagdish paraliya

लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण में गिरावट से गर्मी हुई असरहीन तो

Sod Return Forgotten Migrant Anchor Falcon and Steppie Eagle

If the fall in pollution during the lockdown makes the heat ineffective

मार्च में वापस चले जाते हैं ये पक्षी, पक्षी और पर्यावरण प्रेमी उत्साहित
बीकानेर. लॉकडाउन में प्रदूषण कम होने से मौसम में लगातार बदलाव प्रवासी पक्षियों को खूब रास आया है। प्रदेश में सर्दियों में तीन-चार महीने के प्रवास पर आने वाले कई प्रवासी पक्षी इस बार वापस नहीं गए है। आम तौर पर मार्च के बाद नजर नहीं वाले दुर्लभ प्रजाति के लंगर फाल्कन (बाज), स्टेपी ईगल (चील) इस बार जून में वन्यजीव गणना में बीकानेर की जोहड़बिड़ में दिखाई दिए हैं।
अगले साल भरेंगे उड़ान!
प्रदूषण में कमी और मई व जून की शुरुआत में बारिश के चलते गर्मी का असर कम होने से अभी तक डेरा डाले हुए प्रवासियों में चील प्रजाति का सबसे बड़ा शिकारी स्टेपी ईगल, लंगर फाल्कन व हैरियर शामिल हैं। लंगर फाल्कन पाकिस्तान व सऊदी अरब में ज्यादा पाया जाता है। स्टेपी ईगल कजाकिस्तान से सितम्बर में यहां पहुंचे थे। पक्षी विशेषज्ञों का मानना हैं कि सम्भवत: ये प्रवासी पक्षी अब अगले साल ही वतन वापसी की उड़ान भरेंगे।
लुप्तप्राय: श्रेणी का है ईगल
लुप्तप्राय: श्रेणी में शामिल स्टेपी ईगल आइयूसीएन की रेड डाटा लिस्ट में शामिल है। ये कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान होते हुए बीकानेर तक पहुंचते हैं।

सबसे बड़े शिकारी पक्षी
सबसे बड़े शिकारी पक्षी स्टेपी ईगल की आंख बड़ी और भूरी, पंजे व चोंच गहरे पीले रंग की तथा चोंच के आगे का हिस्सा हल्के रंग का होता है। इसके अलावा छरहरे बदन वाले लंगर फाल्कन का रंग हल्का भूरा और पंख लंबे होते हैं। स्टेपी ईगल और लंगर फाल्कन सबसे ज्यादा शिकार करते हैं।
पर्यावरण में बदलाव का संकेत
स्टेपी ईगल समेत कई प्रवासी पक्षी वन्यजीव गणना मेें दिखाई दिए हैं। ?गर्मियों में पक्षियों का यहां ठहरना पर्यावरण में आ रहे बदलाव का संकेत है।
-डॉ. दाऊलाल बोहरा, आइयूसीएन सदस्य व पक्षी विशेषज्ञ

ट्रेंडिंग वीडियो