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राजस्थान कर्जमाफी घोटाला: लाखों किसानों के खाते संदेह के घेरे में, एसओजी को सौंपी जांच

locationजयपुरPublished: Jul 11, 2019 12:24:03 pm

Submitted by:

Nidhi Mishra

राजस्थान में कर्जमाफी घोटाले ( Rajasthan farm loan waiver scam ) में अब नया खुलासा हुआ है। इसके बाद अब लाखों किसानों के खाते संदेह के दायरे में आ गए हैं। सरकार ने भी जांच एसओजी को सौंप दी है।

Rajasthan Farm Loan Waiver Scam

राजस्थान कर्जमाफी घोटाला: लाखों किसानों के खाते संदेह के घेरे में, एसओजी को सौंपी जांच

जयपुर। कर्जमाफी योजना ( Rajasthan Farmer Loan waiver Scheme ) में फर्जी नाम से लोन उठाकर उसे माफ कराने का सिलसिला डूंगरपुर तक ही सीमित नहीं है। आधार आधारित अभिप्रमाणन के बाद प्रदेश में लाखों किसानों ( Rajasthan farm loan waiver scam ) के नाम के खाते संदेह के घेरे में हैं। बड़ी संख्या को देखते हुए सरकार ने अब मामले की पड़ताल की जिम्मेदारी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को सौंपी है। जांच की जिम्मेदारी मिलने के बाद एसओजी जिलेवार सहकारी बैंकों की पड़ताल भी शुरू कर दी है। ऐसे फर्जीवाड़े रोकने के लिए ही सरकार ने किसान पोर्टल ( farmers portal ) लॉन्च किया है, जिसकी शुरूआत गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Rajasthan CM Ashok Gehlot ) करने वाले हैं।
कर्जमाफी 2018 के बाद सहकारी बैंकों का यह फर्जीवाड़ा सामने आया था। किसान को खबर नहीं और उसके नाम से लोन उठा लिया गया। इसका खुलासा तब हुआ जब लोन वेवर पोर्टल पर कर्जमाफी के लाभान्वित किसानों के नाम अपलोड किए गए। सबसे अधिक मामले डूंगरपुर में सामने आए, जहां सैंकड़ों किसानों के नाम से लोन उठाया गया, जिन्हें इसकी खबर ही नहीं थी। कर्जमाफी योजना में ऐसे लोन रिकॉर्ड में चुकता कर दिए गए। हंगामा हुआ तो ऐसी शिकायतें कई जिलों में सामने आई।
लाखों खाते संदेह के घेरे में
कर्ज माफी 2018 में सरकार ने पचास हजार रुपए तक के कर्ज माफ किए थे। इस योजना में 27 लाख 65 हजार किसान लाभान्वित हुए थे। करीब आठ हजार करोड़ रुपए माफ किए गए। इसके बाद फर्जीवाड़े सामने आए। वर्तमान सरकार ने कर्जमाफी योजना 2019 लागू की, जिसमें अल्पकालीन फसली ऋण पूरी तरह माफ किए गए। फर्जी नाम वाले खातों की निगरानी के लिए सरकार ने कर्जमाफी से पहले खाताधारक की तस्दीक आधार कार्ज से की। ऐसे में फर्जी लोग तस्दीक कराने ही नहीं आए। नतीजा यह रहा कि गत वर्ष की तुलना में इस बार करीब बीस लाख किसान ही कर्ज माफी के लिए आगे गए। ऐसे में करीब सात लाख खाते संदेह के घेरे में हैं।
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सरकार ने सौंपी एसओजी को जांच, होगी रिकवरी
कर्जमाफी घोटालों की लगातार आ रही शिकायातों को देखते हुए सरकार ने ही जांच कराने का कदम उठाया। मुख्यमंत्री कार्यालय से फर्झीवाड़े को लेकर पड़ताल की चिट्ठी एसओजी पहुंची। एसओजी में प्रारम्भिक पड़ताल का जिम्मा एडिशनल एसपी नीरज को दिया गया। उन्होंने सहकारी भवन स्थित रजिस्ट्रार कार्यालय से रिकॉर्ड लोने के बाद जिलेवार पड़ताल शुरू कर दी है।
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अन्य घोटालों की भी होगी जांच
कर्जमाफी के अलावा सहकारी बैंकों में गत वर्षों में हुए कई घोटाले सामने आ रहे हैं। इनमें मुख्य घोटाले अवलर का आरटीजीएस घोटाला और पाली का आवासीय लोन घोटाला है। दोनों ही मामलों की विभाग स्तर पर जांच हो चुकी है, लेकिन जिम्मेदारों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इन बैंकों के अलावा जैसलमेर, सीकर, गांगानगर व अन्य केन्द्रीय सहकारी बैंकों में भी घोटाले सामने आ चुके हैं।
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जांच के लिए पत्र मिला था, जिसके बाद पड़ताल शुरू की है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार ने भी पत्र लिखा है। एसओजी जांच कर रही है, रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी।
-भूपेन्द्र सिंह यादव, पुलिस महानिदेशक
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