नई दिल्ली। भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के दूसरे चरण में बीते दो साल के दौरान 11.69 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को बांटे गए हैं। इससे रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल में 10 फीसदी कमी आई है।
यह जानकारी बुधवार केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से दी गई। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जमीन में पोषक तत्वों की कमी की समस्या को दूर करने के मोदी सरकार ने वित्तवर्ष 2014-15 के दौरान मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की थी और अब इस योजना का लाभ मिलने लगा है। मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के निर्देश पर मंत्रालय की ओर से किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटा जा रहा है, जिससे किसानों को मृदा स्वास्थ्य के पैरामीटर जानने में मदद मिली है। इससे मिट्टी में पोषक तत्वकों के सही इस्तेमाल से इसकी उर्वराशक्ति में सुधार हुआ है। नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल (एनपीसी) एक अध्ययन के मुताबिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड के सुझावों पर अमल करने से रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल में आठ से 10 फीसदी की कमी आई है। साथ ही उत्पादकता में पांच से छह फीसदी का इजाफा हुआ है। केंद्र सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के पहले चरण (वर्ष 2015-2017) के दौरान किसानों को 10.74 करोड़ कार्ड बांटे गए, जबकि दूसरे चरण (2017-19) के दौरान 11.69 करोड़ कार्ड बांटे गए हैं।
यह जानकारी बुधवार केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से दी गई। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जमीन में पोषक तत्वों की कमी की समस्या को दूर करने के मोदी सरकार ने वित्तवर्ष 2014-15 के दौरान मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की थी और अब इस योजना का लाभ मिलने लगा है। मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के निर्देश पर मंत्रालय की ओर से किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटा जा रहा है, जिससे किसानों को मृदा स्वास्थ्य के पैरामीटर जानने में मदद मिली है। इससे मिट्टी में पोषक तत्वकों के सही इस्तेमाल से इसकी उर्वराशक्ति में सुधार हुआ है। नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल (एनपीसी) एक अध्ययन के मुताबिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड के सुझावों पर अमल करने से रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल में आठ से 10 फीसदी की कमी आई है। साथ ही उत्पादकता में पांच से छह फीसदी का इजाफा हुआ है। केंद्र सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के पहले चरण (वर्ष 2015-2017) के दौरान किसानों को 10.74 करोड़ कार्ड बांटे गए, जबकि दूसरे चरण (2017-19) के दौरान 11.69 करोड़ कार्ड बांटे गए हैं।