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Solar Eclipse: सूर्यग्रहण के बीच साल की आखिरी शनिश्चरी अमावस्या आज

locationजयपुरPublished: Dec 04, 2021 10:15:14 am

Submitted by:

Anil Chauchan

Solar Eclipse: जयपुर . विभिन्न योग संयोगों में शनिवार को साल की आखिरी अमावस्या शनिश्चरी अमावस्या के रूप में मनाई जा रही है। इसके साथ ही आखिरी सूर्यग्रहण भी इस दिन है। भारत में ग्रहण अदृश्य होने से इसका सूतक काल आदि मान्य नहीं होगा।

solar eclipse in 2021

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Solar Eclipse: जयपुर . विभिन्न योग संयोगों में शनिवार को साल की आखिरी अमावस्या शनिश्चरी अमावस्या के रूप में मनाई जा रही है। इसके साथ ही आखिरी सूर्यग्रहण भी इस दिन है। भारत में ग्रहण अदृश्य होने से इसका सूतक काल आदि मान्य नहीं होगा।

ज्योतिषविदों के मुताबिक चतुग्र्रही योग के संयोगों में यह अमावस्यासभी जातकों के लिए विशेष फल देने वाली रहेगी। पितृदोष की शांति के साथ-साथ शनि की ढैय्या और साढ़े साती के लिए विष योग, कालसर्प दोष, चंद्र ग्रहण दोष की शांति के लिए यह दिन विशेष योग कारक रहा। दिनभर शनि मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलेगी। इस मौके पर सुबह से भगवान शनिदेव का तेलाभिषेक किया जा रहा है। इसके साथ ही विशेष भोग भी शनिदेव को अर्पित किया गया। फूल बंगले में शनिदेव का विराजमान कर भक्तों ने सुख समृद्धि की कामना की। अगली शनिश्चरी अमावस्या 30 अप्रेल 2022 को आएगी।
पुण्य फलदायी
ज्योतिषाचार्य पं.सुरेश शास्त्री ने बताया कि मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि शनिवार के दिन आए तो इसका महत्व ओर अधिक हो जाता है। शनि देव की आराधना, पितृ शांति के लिए अर्चना करे। पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पितृ तर्पण, स्नान, दान आदि करना बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है। शनि देव के विशेष उपाय करने से शनि की पीड़ा शांत होती है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि मंत्र श्ऊं शं शनैश्चराय नमरू्य या बीज मंत्र श्ऊं प्रां प्रीं प्रौ शं शनैश्चराय नमरू्य मंंत्र का 108 बार चंदन की माल से जप करें। काली चीजों का दान करें।
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