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केवल आरक्षण के लिए ही नहीं, इन अहम बातों के लिए भी जाने जाते हैं डॉ बी आर अम्बेडकर

locationजयपुरPublished: Apr 13, 2018 12:54:03 pm

Submitted by:

Nidhi Mishra

डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम हैं ये उपलब्धियां, जानकर होगा गर्व
 

Some Lesser-known Facts about Dr. Bhimrao Ambedkar

Some Lesser-known Facts about Dr. Bhimrao Ambedkar

जयपुर। डॉ बी आर अम्बेडकर को आज सारा देश संविधान निर्माता के रूप में और आरक्षण के लिए जानता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनकी इससे इतर भी कई उपलब्धियां रही हैं। इन उपलब्धियों के कारण वे विश्वभर में जाने जाते हैं और इन्हीं के कारण भारत का नाम भी रोशन हुआ। आइए आपको बताते हैं कि बाबा साहेब सिर्फ संविधान निर्माण के लिए ही नहीं इन अहम बातों के लिए भी जाने जाते हैं।


आॅक्सफोर्ड युनिवर्सिटी में लगी है बाबा साहेब की फोटो

इंग्लैंड स्थित दुनिया की मशहूर आॅक्सफोर्ड युनिवर्सिटी… इस युनिवर्सिटी के मुख्य दरवाजे के अंदर की तरफ डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की फोटो लगाई गई है। फोटो पर लिखा है, ”हमें गर्व है कि ऐसा छात्र हमारी युनिवर्सिटी से पढ़कर गया है, जिसने भारत का संविधान लिखकर उस देश पर बड़ा उपकार किया है।”

कोलंबिया युनिवर्सिटी के होनहार छात्रों में से एक
अमेरिका की कोलंबिया युनिवर्सिटी को जब 300 साल पूरे हो गए तो यहां एक सर्वे किया गया। सर्वे था कि इन तीन सौ सालों में युनिवसिर्टी से सबसे होशियार छात्र कौन निकले हैं। इस सर्वे में 6 छात्रों की लिस्ट निकाली गई, जिसमें अम्बेडकर का नाम भी शामिल था।

अमेरिकन राष्ट्रपति ने किया अम्बेडकर की मूर्ति का अनावरण
बाबा साहेब के सम्मान में कोलंबिया युनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर उनकी ब्रॉन्ज की एक मूर्ति लगाई गई है, जिसका अनावरण अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने किया था। इस मूर्ति के नीचे लिखा है, ”सिम्बॉल ऑफ नॉलेज” मतलब ज्ञान का प्रतीक।

जाति व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष में बिताया जीवन
डॉ भीमराव अम्बेडकर को बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 14 अप्रेल 1891 को ब्रिटिश केंद्रीय प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में स्थापित सैन्य छावनी मऊ के एक मराठी परिवार में हुआ था। बाबा साहेब एक बहुजन राजनीतिक नेता, और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी होने के अलावा भारतीय संविधान के निर्माता भी थे। बाबासाहेब ने अपना सारा जीवन हिंदू धर्म की चतुवर्ण प्रणाली और भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष में बिता दिया। बौद्ध महाशक्तियों के दलित आंदोलन को शुरू करने का श्रेय भी उनके नाम है। इसके बाद उन्हें भारतीय बौद्ध भिक्कू ने बोधिसत्व की उपाधि प्रदान की। बाबासाहेब अम्बेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है।
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