जयपुर

इस साल दो ही सोमवती अमावस्या, पहली इसी माह

इस साल यानी 2022 में सिर्फ दो ही सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya आएगी। इसमें पहली सोमवती अमावस्या इसी माह 31 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन माघ माह की अमावस्या भी है, ऐसे में Somvati Amavasya तीर्थ स्थलों पर महास्नान का विशेष महत्व रहेगा। वहीं दूसरी सोमवती अमावस्या ज्येष्ठ मास में 30 मई को आएगी। हालांकि इस साल 2022 में 13 अमावस्या तिथि आएगी।

जयपुरJan 24, 2022 / 08:16 am

Girraj Sharma

इस साल दो ही सोमवती अमावस्या, पहली इसी माह

जयपुर। इस साल यानी 2022 में सिर्फ दो ही सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya आएगी। इसमें पहली सोमवती अमावस्या इसी माह 31 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन माघ माह की अमावस्या भी है, ऐसे में Somvati Amavasya तीर्थ स्थलों पर महास्नान का विशेष महत्व रहेगा। वहीं दूसरी सोमवती अमावस्या ज्येष्ठ मास में 30 मई को आएगी। हालांकि इस साल 2022 में 13 अमावस्या तिथि आएगी।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि साल 2022 में कुल 13 अमावस्या तिथि हैं। इनमें केवल दो ही सोमवती अमावस्या है। साल की पहली सोमवती अमावस्या 31 जनवरी को है। दूसरी ज्येष्ठ मास में 30 मई को आएगी। पंचांग गणना के अनुसार 31 जनवरी को दोपहर में 2 बजकर 19 मिनट तक चतुर्दशी तिथि है। इसके बाद अमावस्या तिथि लग जाएगी। शास्त्रों में कहा गया है कि सोमवार को कुछ समय के लिए ही अमावस्या तिथि होने पर इसे बेढ़ी और सोमवती अमावस्या मानते हैं। 1 फरवरी को अमावस्या तिथि सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक है। इसलिए 31 जनवरी को भी पितृ कार्य के लिए अमावस्या मान्य है।
सोमवती अमावस्या का बड़ा महत्व
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि सोमवार को आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते है। इस अमावस्या का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्व बताया गया है। सोमवती अमावस्या पर महिलाएं संतान और जीवनसाथी की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। व्रत में महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं। पीपल के वृक्ष के मूल भाग में भगवान विष्णु, अग्रभाग में ब्रह्मा और तने में भगवान शिव का वास हाेता है, इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस अमावस्या के दिन व्रत पूजन और पितरों को जल तिल देने से बहुत ही पुण्य की प्राप्ति होती है। सुहागिनों के लिए तो इस व्रत का खास ही महत्व है। इस दिन व्रत करने और शिव पार्वती की पूजा करने से सुहाग की आयु लंबी होती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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