विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बुवाई के लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही अब सहकारिता विभाग के साथ मिलकर खाद-बीज की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है। इस साल खरीफ सीजन में एक करोड़ 61 लाख 38 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बुवाई के लक्ष्य हासिल करने के लिये करीब 7 लाख 70 हजार क्विंटल बीज की जरुरत पड़ेगी जबकि अभी सार्वजनिक और सहकारिता क्षेत्र के उपक्रमों के पास 8 लाख 31 हजार क्विंटल बीज उपलब्ध है। यानि जरुरत के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा बीज का स्टॉक प्रदेश में है।
इतनी खाद की पड़ेगी जरूरत
खरीफ सीजन में 8 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 3 लाख मीट्रिक टन डीएपी की भी जरुरत पड़ेगी। प्रदेश में अब तक करीब पौने आठ लाख मीट्रिक टन यूरिया का भण्डारण किया जा चुका है। पिछले साल कुछ फसलों के बीजों की कमी सामने आई थी जिसके चलते इस बार इन फसलों के बीजों का अग्रिम भण्डारण किया गया है वहीं किसानों को खाद की कालाबाजारी से बचाने के लिये पॉस मशीनों से उर्वरक के वितरण की व्यवस्था की गई है।
खरीफ सीजन में 8 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 3 लाख मीट्रिक टन डीएपी की भी जरुरत पड़ेगी। प्रदेश में अब तक करीब पौने आठ लाख मीट्रिक टन यूरिया का भण्डारण किया जा चुका है। पिछले साल कुछ फसलों के बीजों की कमी सामने आई थी जिसके चलते इस बार इन फसलों के बीजों का अग्रिम भण्डारण किया गया है वहीं किसानों को खाद की कालाबाजारी से बचाने के लिये पॉस मशीनों से उर्वरक के वितरण की व्यवस्था की गई है।
खरीफ की बुवाई का यह टारगेट
– 161.38 लाख हैक्टेयर में होगी बुवाई
– पिछले साल 164.44 लाख हैक्टेयर में हुई थी बुवाई
— 62.01 लाख हैक्टेयर में होगी अनाज बुवाई
– 62 में से 44 लाख हैक्टेयर में बाजरे की होगी बुवाई
– 33 लाख हैक्टेयर में होगी दलहन की बुवाई
– दलहन में सर्वाधिक 16 लाख हैक्टेयर में होगी मूंग बुवाई
– 24.04 लाख हैक्टेयर में तिलहन की बुवाई का लक्ष्य
– 161.38 लाख हैक्टेयर में होगी बुवाई
– पिछले साल 164.44 लाख हैक्टेयर में हुई थी बुवाई
— 62.01 लाख हैक्टेयर में होगी अनाज बुवाई
– 62 में से 44 लाख हैक्टेयर में बाजरे की होगी बुवाई
– 33 लाख हैक्टेयर में होगी दलहन की बुवाई
– दलहन में सर्वाधिक 16 लाख हैक्टेयर में होगी मूंग बुवाई
– 24.04 लाख हैक्टेयर में तिलहन की बुवाई का लक्ष्य