स्पेन में अधिकांशत: गरीब, कमजोर,बेघर, समाज के निचले तबके के लोग और बुजुर्ग इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। यहां की लगभग आधी आबादी गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी से जूझ रही है। शॉपिंग सेंटर, सुपरमार्केट, ओल्डऐज होम के कर्मचारी व सफाई कर्मियों के पास इससे बचाव के लिए कोई मास्क या सेनेटाइजर नहीं हैं, ये ही लोग जब अपने घर जाते हैं तो अन्य परिवारजनों को संक्रमित कर देते हैं। गरीबी और खराब स्वास्थ्य भी इससे संक्रमित होने का अन्य कारण है। अस्पतालों में आईसीयू पर दबाव लगातार बढ रहा है।
स्पेन में लॉकडाउन का तीसरा सप्ताह चल रहा है। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने और देश के अस्पतालों पर दबाव को कम करने के प्रयास में सभी गैर-आवश्यक श्रमिकों को अगले दो सप्ताह तक घर पर रहने का आदेश दिया गया है। वहां हेलीकॉप्टर घूम रहे हैं और घर में ही रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं। स्पेनिश सरकार ने चीन निर्मित 58 हजार कोरोना वायरस परीक्षण किटों को उपयोग में न लेने का फैसला लिया है क्योंकि इनकी विश्वसनीयता 30 प्रतिशत ही थी।