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कर चोरी के मामलों के लिए राज्य स्तर पर विशेष न्यायालय गठित होगा

locationजयपुरPublished: Aug 08, 2020 03:49:25 pm

Submitted by:

rahul Rahul Singh

राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों के डीमर्जर के दस्तावेजों और ऋण दस्तावेजों आदि में कर चोरी को रोकने तथा ऐसे प्रकरणों के त्वरित निपटारे के लिए राज्य स्तर पर विशेष न्यायालय का गठन करने का निर्णय लिया है।

ashok gehlot

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जयपुर। राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों के डीमर्जर के दस्तावेजों और ऋण दस्तावेजों आदि में कर चोरी को रोकने तथा ऐसे प्रकरणों के त्वरित निपटारे के लिए राज्य स्तर पर विशेष न्यायालय का गठन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत जयपुर में उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं कलक्टर (मुद्रांक) करापवंचन का विशेष कार्यालय गठित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए वित्त विभाग तथा पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। प्रस्ताव के अनुसार, उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक, अजमेर, वृत-द्वितीय तथा उप पंजीयक, अलवर, वृत-तृतीय के कार्यालयों का पुनर्गठन कर राज्य स्तर पर उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक (करापवंचन), राजस्थान, विशेष वृत का कार्यालय गठित किया जाएगा।
गहलोत ने उक्त कार्यालयों के गठन के लिए रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 के तहत जारी की जाने वाली अधिसूचना के प्रारूप तथा नये प्रस्तावित उप महानिरीक्षक को राजस्थान स्टाम्प अधिनियम 1998 के तहत कलक्टर (मुद्रांक) की शक्तियां प्रदान करने के लिए अधिसूचना के प्रारूप का भी अनुमोदन कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि उप महानिरीक्षक तथा उप पंजीयक कार्यालयों के पुनर्गठन से कम्पनियों के मर्जर, डीमर्जर तथा ऋण दस्तावेजों आदि में स्टाम्प ड्यूटी के आकलन तथा वसूली जैसे विशेष प्रकृति के मामलों में विवादों के निपटारा जल्द होगा, जिससे स्टाम्प ड्यूटी की वसूली के कार्य को गति मिलेगी। साथ ही, ऐसे प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण से राजस्व संग्रहण में भी वृद्धि होगी।

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