सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूनिया ने पिछले दिनों वसुंधरा राजे से मुलाकात की थी। पूनियां पूर्व में राजे के कार्यकाल में पर्यटन मंत्री रह चुकी हैं। हालांकि बेनीवाल की पार्टी आएलपी भाजपा की सहयोगी पार्टी है। लेकिन वसुंधरा राजे और बेनीवाल के बीच खींचतान आम है। आए दिन बेनीवाल की ओर से राजे पर बयानबाजी होती रहती है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बेनीवाल को आगाह भी किया था। ऐसे में ऊषा पूनिया की वापसी से बेनीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
आपको बता दें कि घनश्याम तिवाड़ी और सुरेंद्र गोयल ने राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस जॉइन की थी, लेकिन दोनों की पार्टियों की विचारधारा भिन्न होने की वजह से इन दोनों नेताओं की पटरी नहीं बैठ पा रही है। यही वजह है कि दोनों ही नेता कांग्रेस के कार्यक्रमों में नजर नहीं आते हैं। तिवाड़ी और राजे के बीच अदावत जगजाहिर है। उधर सुरेंद्र गोयल ने भी वसुंधरा राजे से मुलाकात कर वापसी के संकेत दिए थे। पार्टी फिलहाल वापसी को अफवाह करार दे रही है, लेकिन इन नेताओं की मुलाकातों को वापसी से जोड़ कर देखा जा रहा है।