scriptSpic Macay- कबीर के भजन सुन मंत्रमुग्ध हुए स्टूडेंट्स | spic macay- Students were mesmerized by listening to Kabir's hymns | Patrika News

Spic Macay- कबीर के भजन सुन मंत्रमुग्ध हुए स्टूडेंट्स

locationजयपुरPublished: Oct 19, 2021 08:30:54 am

Submitted by:

Rakhi Hajela

Spic Macay-स्पिक मैके की ओर से आयोजित की जा रही अनुभव.3 सीरीज के तहत पद्मश्री अवॉर्डी प्रह्लाद सिंह टिपानिया की कबीर गायन कार्यशाला का आयोजन ऑनलाइन किया गया

कबीर के भजन सुन मंत्रमुग्ध हुए स्टूडेंट्स

कबीर के भजन सुन मंत्रमुग्ध हुए स्टूडेंट्स

जयपुर। स्पिक मैके की ओर से आयोजित की जा रही अनुभव.3 सीरीज के तहत पद्मश्री अवॉर्डी प्रह्लाद सिंह टिपानिया की कबीर गायन कार्यशाला का आयोजन ऑनलाइन किया गया जिसकी मेजबानी कानोडिया पीजी महिला महाविद्यालय ने की। कार्यशाला में प्रह्लाद सिंह ने कबीर के भजन जैसे मतकर माया को अहंकार, रंगमहल में अजब शहर में,जतन बिन बावरा, और क्या लेके आया बंदे क्या लेके जाएगा इत्यादि भजनों का अर्थ समझाते हुए उन्हें गाकर प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध किया।
इस दौरान प्रह्लाद सिंह ने स्वयं भी करताल और तम्बूरे का वादन किया। साथ ही उनके पुत्र अजय टिपानिया और कलाकार देवनारायण सुरोलिया ने भी संगत की। कार्यशाला में स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूल, अजमेर एवं आर्मी पब्लिक स्कूल जोधपुर के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भागीदारी की।
डॉ. जितेन्द्र बारूपाल को यंग रिसर्चर फैलोशिप पुरस्कार
20 लाख रुपए प्रतिवर्ष का अनुदान व मासिक फैलोशिप

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग के एक प्रतिभाशाली युवा शोधकर्ता डॉ. जितेन्द्र बारूपाल को केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौधौगिकी विभाग ने पहले एम. के भान यंग रिसर्चर फैलोशिप के लिए चयनित किया है। डॉ. बारूपाल का इस प्रतिष्ठित फैलोशिप के लिए राजस्थान राज्य की ओर से चयन हुआ है। डॉ. बारूपाल को यह पोस्ट डॉक्टरल फैलोशिप तीन साल के एक स्वतंत्र अनुसंधान के लिए दी गई है। इस फैलोशिप के तहत 20 लाख रुपए हर साल अनुदान व मासिक फैलोशिप प्रदान की जाएगी। डॉ. बारूपाल ने विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग के प्रो. एस.एल. कोठारी के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय से पीएच.डी की है। डॉ. बारूपाल हावर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया, बार्कले में भी अनुसंधान कर चुके हैं और वर्तमान में डॉ. सुनीता कच्छावा के साथ बॉटनी विभाग मे क्लीनिकल इन्फोर्मेटिक्स पर अपना अनुसंधान कार्य कर रहे हैं।
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