राठौड़ ने लिखा कि इसस पूर्व भी मंत्री चांदना अधिशासी अभियंता से मारपीट कर चुके हैं, जिसका मुकदमा भी उन पर दर्ज है। संविधान की शपथ लेकर बार-बार अमर्यादित आचरण करने वाले को मंत्रीपद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। दलितों के मसीहा बनने वाले मुख्यमंत्री तुरंत मंत्री को बर्खास्त करें। मंत्री द्वारा अपनी पार्टी के नेता को जातिसूचक गालियां देकर चुनाव नहीं लड़ने के लिए धमकाना शर्मनाक है। लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का अधिकार सबको है लेकिन सत्ता के मद में चूर मंत्री द्वारा चुनाव लड़ने से रोकने के घृणित कृत्य का स्वस्थ लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।
गौरतलब है कि खेल मंत्री अशोक चांदना का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वायरल ऑडियो बूंदी के नैनवा क्षेत्र का बताया जा रहा है, जहां निर्दलीय चुनाव लड़ने पर कांग्रेस कार्यकर्ता से मंत्री उलझते नजर आ रहे हैं और धमकी दे रहे हैं। इस वायरल ऑडियो को लेकर सियासी पारा गर्माया हुआ है। इस वीडियो की पत्रिका पुष्टि नहीं करता है।