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Srikrishna Janmashtami : शनि को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा अवसर, इस तरह करें श्रीकृष्ण की पूजा

locationजयपुरPublished: Aug 12, 2020 08:52:46 am

Submitted by:

deepak deewan

श्रीकृष्ण उपासना से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और ऐसे में शनि ढैया, शनि की साढ़ेसाती आदि से मिल रहे दुष्प्रभाव कुछ हद तक कम हो जाते है। दरअसल शनि देव और श्रीकृष्ण में अनेक समानताएं हैं।

Srikrishna Janmashtami 2020 Puja Muhurat

Srikrishna Janmashtami 2020 Puja Muhurat

जयपुर.
देशभर में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. विशेष रूप से वैष्णव संप्रदाय 12 अगस्त को जन्माष्टमी मना रहा है, क्योंकि इनमें उदयकालीन तिथि का महत्व माना गया है। इससे पूर्व 11 अगस्त को अद्वैत और स्मार्त संप्रदाय द्वारा जन्माष्टमी मनाई जा चुकी है।
श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। हालांकि इस बार 11 अगस्त की रात 12 बजे भरणी नक्षत्र था और 12 अगस्त की रात 12 बजे कृत्तिका नक्षत्र रहेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि सभी सांसारिक सुखों के लिए श्रीकृष्ण की पूजा सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। आस्था और पूर्ण विश्वास के साथ उनकी विधिविधान से पूजा करने का फल निश्चित रूप से मिलता है।
खास बात यह है कि शनि के दोष दूर करने या शनिदेव के द्वारा दिए जा रहे कष्ट कम करने के लिए भी श्रीकृष्ण की पूजा सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। श्रीकृष्ण उपासना से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और ऐसे में शनि ढैया, शनि की साढ़ेसाती आदि से मिल रहे दुष्प्रभाव कुछ हद तक कम हो जाते है। दरअसल शनि देव और श्रीकृष्ण में अनेक समानताएं हैं।
श्रीमद्भागवत में कृष्ण शब्द का उल्लेख काले रंग के आशय के रूप में किया गया है। इसके साथ ही कृष्ण मोक्ष देने वाला भी कहा गया है। शनि भी कृष्ण वर्ण के हैं और न्यायाधिकारी होने के कारण दंड देने के साथ ही वे मोक्षदायक भी माने जाते हैं। जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा कर शनिदेव को भी प्रसन्न करने का अच्छा अवसर प्राप्त हुआ है।
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