मुद्रा स्कीम के जरिए मिलेगी मदद
यदि आप डेयरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करना चाहते हैं, तो आपके इस काम में साथ देगी सरकार की मुद्रा स्कीम। जिसके जरिए आपको 75 फीसदी तक खर्च की मदद मिल सकती है। साथ ही आप शुरु में 6 लाख रुपए वार्षिक मतलब महीने के 50 हजार रुपए तक कमा सकते हैं। आइए हम आपको देते हैं पूरी जानकारी…
ये है प्रोजेक्ट
केंद्र की मोदी सरकार ने मुद्रा स्कीम के तहत जिन बिजनेस के बारे में प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है, उसमें डेयरी प्रोडक्ट बिजनेस भी शामिल है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कुल 16 लाख रुपए के खर्च में 1000 वर्ग फुट एरिया में यूनिट को शुरू कर सकते हैं। इतने स्पेस में शुरू की गई यूनिट में रोज 500 लीटर दूध की खपत में प्रोडक्ट तैयार किए जा सकते हैं।
आपको खर्च करने हैं सिर्फ 4 लाख
जो 16 लाख रूपए खर्च होंगे, उनमें आपको केवल 4 लाख का ही निवेश करना है। बाकी का खर्चा सरकार मुद्रा स्कीम के तहत लोन में देगी। इसमें टर्म कैपिटल लोन और वर्किंग कैपिटल लोन शामिल हैं। 16 लाख में से मशीन लगाने पर 5.5 लाख रुपए खर्च होंगे, तो वहीं रॉ मैटेरियल पर वर्ष में 4 लाख रुपए का खर्च होगा। हर महीने कर्मचारियों की तनख्वाह पर 50 हजार रुपए के आस पास खर्च होंगे। वहीं, इसमें ट्रांसपोर्ट, बिजली का बिल, टैक्स, टेलीफोन आदि का खर्च भी शामिल है।
जो 16 लाख रूपए खर्च होंगे, उनमें आपको केवल 4 लाख का ही निवेश करना है। बाकी का खर्चा सरकार मुद्रा स्कीम के तहत लोन में देगी। इसमें टर्म कैपिटल लोन और वर्किंग कैपिटल लोन शामिल हैं। 16 लाख में से मशीन लगाने पर 5.5 लाख रुपए खर्च होंगे, तो वहीं रॉ मैटेरियल पर वर्ष में 4 लाख रुपए का खर्च होगा। हर महीने कर्मचारियों की तनख्वाह पर 50 हजार रुपए के आस पास खर्च होंगे। वहीं, इसमें ट्रांसपोर्ट, बिजली का बिल, टैक्स, टेलीफोन आदि का खर्च भी शामिल है।
हर महीने मिलेगी अच्छी रकम
प्रोजेक्ट रिपोर्ट की मानें तो यदि हर रोज 500 लीटर या साल में 1.5 लाख लीटर दूध की प्रॉसेसिंग से जितना प्रोडक्ट तैयार होगा, उसका एक साल का टर्न ओवर 82 लाख रुपए तक हो सकता है। इतने प्रोडक्ट बनाने की कुल प्रोडक्शन कॉस्ट 74 लाख रुपए पड़ेगी। यानी बिना टैक्स दिए सालाना 8 लाख रुपए की आय हो जाएगी। इसमें से टैक्स आदि का 25% खर्च काटने के बाद नेट प्रॉफिट 6 लाख रुपए सालाना या 50 हजार रुपए मासिक हो सकता है।