पॉलिथीन मुक्ति का संकल्प अपना रहे रेलवे ने इस दिशा में दो बड़े कदम उठाए हैं। रतलाम रेलवे मंडल में डीआरएम ने नवाचार शुरू करते हुए स्टेशनों के सभी स्टॉल पर पत्तों में खाद्य सामग्री की परिकल्पना को अपनाने की शुरूआत की है। वहीं, मुंबई-रतलाम-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में प्लास्टिक क्रश मशीन लगाया गया है। चलती ट्रेन में ही प्लास्टिक बोतल को क्रश किया जा रहा है। ये प्रयोग अगर सफल रहा तो इसे देशभर की ट्रेन में लागू किया जाएगा।
रेलवे ने कर्शर मशीन को राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में ‘स्वच्छ भारत’ और ‘गो ग्रीन मिशन’ के तहत लगाया है। मशीन में रोजाना करीब तीन हजार प्लास्टिक बोतलों को क्रश किया जा रहा है। वहीं, 90 बोतलों को रिसाइकिल भी किया जा रहा है। इतना ही नहीं, रेलवे ने मंडल के सभी स्टेशनों पर पॉलिथिन मुक्ति को लेकर अभियान भी चला रखा है। शहर में स्वच्छता रैली और स्टेशनों पर खाद्य सामग्री की बिक्री के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन कर दिया गया है। बतादें कि लगातार बिगड़ते पर्यावरण को लेकर खुद पीएम नरेंद्र मोदी और रेलमंत्री ने अपनी चिंता जाहिर की है। इसके बाद ये नया प्रयोग शुरू किया गया है।
रेल मंत्रालय ने देश के सभी रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह रोक गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर से लागू होगी। देशभर के सभी रेलवे स्टेशन और दफ्तरों में एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक नहीं दिखेगी। वेंडर भी पॉलिथीन या कप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। 50 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक पर पाबंदी लगाई जा रही है। इसके साथ ही रेलवे मंत्रालय पानी की बोतलों के लिए हर स्टेशन पर क्रशिंग मशीन भी लगाएगा। रेलवे के अपील के बाद देश के कई स्टेशन पहले से ही इस अभियान से जुड़े हुए हैं। उम्मीद है कि 2 अक्टूबर से देश के हर स्टेशनों पर सख्ती से लागू किया जाएगा।