script‘स्टार्ट अप इनोवेशन आइडियाथॉन’ में न्यायिक मुद्दों पर हुई चर्चा | Start Up Innovation IDEATHON, 2020 | Patrika News

‘स्टार्ट अप इनोवेशन आइडियाथॉन’ में न्यायिक मुद्दों पर हुई चर्चा

locationजयपुरPublished: Jul 11, 2020 07:18:15 pm

Submitted by:

imran sheikh

इनोवेशन सिर्फ इनोवेटर्स तक ही नहीं सीमित रहने चाहिए। उन्हें एक्सपर्ट सुपरविजन में इन्क्यूबेशन सुविधाओं का उपयोग करके वाणिज्यिक उत्पाद में बदलना और लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए। वर्तमान समय में टेक्नोलॉजिकल इनोवेटर्स, महिलाओं, छात्रों, ग्रामीण इनोवेटर्स द्वारा शहरों और गांवों में अनेक तकनीकी नवाचार हो रहे हैं। इन नवाचारों को फंडिंग और एक्सपर्टाइज का हिस्सा बनाने के लिए गाइडेंस की आवश्यकता है।

'स्टार्ट अप इनोवेशन आइडियाथॉन' में न्यायिक मुद्दों पर हुई चर्चा

‘स्टार्ट अप इनोवेशन आइडियाथॉन’ में न्यायिक मुद्दों पर हुई चर्चा

इनोवेशन सिर्फ इनोवेटर्स तक ही नहीं सीमित रहने चाहिए। उन्हें एक्सपर्ट सुपरविजन में इन्क्यूबेशन सुविधाओं का उपयोग करके वाणिज्यिक उत्पाद में बदलना और लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए। वर्तमान समय में टेक्नोलॉजिकल इनोवेटर्स, महिलाओं, छात्रों, ग्रामीण इनोवेटर्स द्वारा शहरों और गांवों में अनेक तकनीकी नवाचार हो रहे हैं। इन नवाचारों को फंडिंग और एक्सपर्टाइज का हिस्सा बनाने के लिए गाइडेंस की आवश्यकता है। इस एक्सपर्टाइज के तहत स्काउटिंग से लेकर सीड फंडिंग, प्रोटोटाइप के विकास से लेकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने और इसके व्यवसायीकरण और एक्सलेंस सेंटर्स का निर्माण शामिल है।
‘स्टार्ट अप इनोवेशन आइडियाथॉन 2020’ के यूट्यूब लाइव के दौरान शासन सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राजस्थान सरकार मुग्धा सिन्हा ने यह बात कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कार्यक्रम का संचालन भी किया। इस कार्यक्रम में नेशनल इनिशियेटिव ऑफ डवलपिंग एंड हारनेसिंग इनोवेशन (एनआईडीएचआई) की हैड, डॉ. अनिता गुप्ता और सहायक प्रोफेसर विधि संकाय दिल्ली विश्वविद्यालय डॉ. परीक्षित सिरोही ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा किया गया था।
‘स्टार्ट-अप्स, इनोवेशन और आइडियाथॉन’ के बारे में डॉ. अनिता गुप्ता ने कहा कि टेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर आइडिया स्टेज और अर्ली स्टेज व्यवसायों के क्रिएशन, नर्चरिंग और स्केल-अप में मदद करता है। नेशनल इनिशिएटिव ऑफ डवलपिंग एंड हारनेसिंग इनोवेशन (एनआईडीएचआई) एक अम्ब्रेला प्रोग्राम है, जिसमें – प्रयास, ईआईआर फेलोशिप, सीड सपोर्ट प्रोग्राम, टेक्नोलॉजी बिज़नेस इन्क्यूबेटर्स जैसी पहल शामिल हैं। कोविड के दौरान, कई स्टार्ट-अप्स रचनात्मक नवाचारों के साथ आए हैं जो इन समय की समस्याओं को हल करते हैं। लॉकडाउन पीरियड के दौरान प्राप्त प्रमुख सीख यह है कि अल्प संसाधनों के साथ भी मैनेज किया जा सकता है।
‘आईटी अधिनियम 2000 के मूलभूत प्रावधान और साइबरस्पेस में न्यायिक मुद्दों’ के बारे में चर्चा करते हुए डॉ. परीक्षित सिरोही ने कहा कि साइबरस्पेस, जिसे हम वर्तमान में जानते हैं। फिजिकल स्पेस के मुकाबले वर्चुअल स्पेस में अपराध को ट्रेस करना बहुत आसान और तेज है। उन्होंने कंप्यूटर प्रणाली, साइबर सुरक्षा, डेटा, डिजिटल / इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर, इंटरमीडियरी जैसी विभिन्न तथ्यों को समझाया। उन्होंने कंप्यूटर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़, आपत्तिजनक संदेश, पहचान चोरी, प्रतिरूपण, गोपनीयता, साइबर आतंकवाद, अश्लील सामग्री आदि विषयों पर भी प्रकाश डाला। ‘स्टार्ट अप इनोवेशन आइडियाथॉन 2020’ स्टार्ट-अप्स और टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेशंस से प्रस्ताव भी आमंत्रित करता है। प्रस्तावों को सबमिट करने की अंतिम तिथि 14 अगस्त, 2020 शाम 5 बजे तक है।

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