इस संबंध में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि प्रदेश का राज्य कर्मचारी 30 अक्टूबर 2017 के वेतन कटौती के आदेश से पहले से ही त्रस्त है। उसके प्रतिमाह 5 से 7 हजार रुपए वेतन कटौती हो रही है। ऐसे में एक दिन का वेतन और काटकर सरकार ने कर्मचारियों की कमर ही तोड़ दी है। राठौड़ ने कहा कि सरकार को केवल वेतन कटौती के बारे में ही इक तरफा नहीं सोचना चाहिए बल्कि कर्मचारियों की वाजिब मांगों पर भी विचार करना चाहिए। लंबित मांगों में एक अन्य मांग चयनित वेतनमान का परिलाभ 9, 18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8, 16, 24 व 32 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर पदोन्नति पद के सामान चयनित वेतनमान देने की है। जिस पर पूर्व में सहमति हो चुकी है।