राठौड़ ने कहा कि राजस्थान देश में सर्वाधिक बाजरा उत्पादक राज्य है। बाजरे की लागत में 83 फीसदी मुनाफा जोड़कर 2150 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करके राज्य के 24 जिलों में उत्पादित बाजरे के कारण किसानों को संजीवनी मिली है। राज्य सरकार द्वारा घोषित 1000 करोड़ के किसान कल्याण कोष की राशि से केन्द्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर बाजरा, मूंग, मोठ व ग्वार जैसी फसलों का राज्य सरकार अपने संसाधनों से तुरंत क्रय करने की नीतिगत घोषणा करे।
राठौड़ ने सरकार को याद दिलाया कि उनके जन घोषणा पत्र में 30 नवंबर 2018 तक 22 लाख किसान जिन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंक, अधिसूचित बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से फसल ऋण के 2 लाख तक ऋण माफी की घोषणा को सरकार ने आज तक पूरा न कर किसानों के साथ धोखा किया है। राठौड़ ने मांग की है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ व रबी 2019 के प्रीमियम के राज्यांश की बकाया राशि 968 करोड़ रुपए सरकार शीघ्र जमा कराएं ताकि फसल बीमा क्लेम के वंचित लाखों किसानों की क्लेम राशि का भुगतान हो सके।