विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा कि लम्बे लाॅकडाउन के चलते प्रदेश में उत्पन्न हालातों में राज्य सरकार आपदा राहत कोष से राहत प्रदान करे ना कि केन्द्र पर अपनी जिम्मेदारी टाले। कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के मजदूर वर्ग व गरीब लोगों के सामने भारी संकट खड़ा हो गया है लेकिन राजस्थान सरकार ने अभी तक प्रदेश के आपदा राहत कोष से कोई राहत जनता को नहीं दी है। राज्य सरकार इसकी सारी जिम्मैदारी केन्द्र पर थोपकर बचना चाह रही है तथा झूठी वाहवाही लूटना चाह रही है।
देवनानी ने कहा कि प्रदेश के एपीएल कार्डधारी गरीब लोगों की स्थिति बहुत खराब है। राज्य सरकार को एपीएल कार्डधारी परिवारों को निशुल्क राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था तत्काल करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में जो मिड-डे मिल का खाद्यान्न पड़ा है उसे भी काम में लिया जा सकता है। राज्य सरकार के पास डीएमएफटी फण्ड में 2765 करोड की राशि उपलब्ध है, जबकि केन्द्र सरकार ने सहायता उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
निजी स्कूलों को फीस माफ करने के आदेश दे सरकार देवनानी ने राज्य सरकार से प्रदेश में संचालित सीबीएसई बोर्ड से संबंधित निजी विद्यालयों की अप्रेल से जून तक 3 माह की स्कूल फीस माफ करने के आदेश जारी करने की मांग की है। देवनानी ने कहा कि राज्य में संचालित समस्त विद्यालय चाहे वे राजस्थान बोर्ड के हो चाहे केन्द्रीय बोर्ड से सम्बद्धित हो सभी शिक्षण संस्थाओं पर फीस का नियंत्रण राज्य सरकार का ही होता है। सीबीएसई तो केवल एफिलेशन बाॅडी है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री जो कि उनकी पार्टी के ही है उनसे यह आदेश जारी करवाना चाहिए कि निजी विद्यालय 3 माह की फीस माफ करे।