कोर ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने पहुंचे प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि किसी भी प्रदेश में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री चेहरे पर निर्णय पार्टी का पार्लियामेंटरी बोर्ड ही करता है। जबकि चुनाव होने के बाद विधायक दल अपना नेता चुनता है। यही प्रक्रिया राजस्थान में भी अपनाई जायेगी।
वहीं प्रदेश भाजपा में अंदरूनी गुटबाजी को नकारते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता पूरी तरह से एकजुट हैं। हालांकि उन्होंने नेताओं के बीच मतभेद होना स्वीकारते हुए कहा कि लोकतंत्र में मतभेद होना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि भाजपा में मतभेद हो सकते हैं पर मनभेद नहीं होते। यहां मतभेदों के बावजूद सर्वसम्मति से निर्णय लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि 21 में 14 जिला परिषदों में जीत से सभी नेताओं की एकजुटता का ही परिणाम है।
समर्थकों के बीच ‘चेहरे’ को लेकर ‘जंग’! दरअसल, भाजपा में मुख्यमंत्री पद के के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ही सर्वमान्य नेता माना जाने लगा था। लेकिन वक्त बीतने और पार्टी के बदले हालातों के बाद से इस पद को लेकर कई दावेदार होने की अटकलें गाहे-बगाहे लगती रही हैं। संभावित दावेदारों के समर्थक भी अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर समय-समय पर लालायित नज़र आते हैं।
इन भाजपा नेताओं के नाम रहे सुर्ख़ियों पर आगामी मुख्यमंत्री के संभावित दावेदारों को लेकर भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं के समर्थक गुटों में बिखरे नज़र आते रहे हैं। इन संभावित दावेदारों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के अलावा वरिष्ठ नेता ओम माथुर और भूपेन्द्र यादव तक सुर्ख़ियों में रहे हैं।
‘आज चुनाव हों तो तीन-चौथाई बहुमत से बने भाजपा सरकार’ राजस्थान भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने दावा किया है कि प्रदेश में यदि आज विधानसभा चुनाव हो जाएँ तो भाजपा तीन-चौथाई बहुमत के साथ सरकार बना सकती है। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित होने वाली कोर ग्रुप बैठक से पहले मीडिया से मुखातिब हुए अरुण सिंह ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। प्रेसवार्ता में उन्होंने राज्य की गहलोत सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताने के साथ ही भाजपा में एकजुटता की बात भी कही।
‘विश्वास खो चुकी गहलोत सरकार’
प्रदेश प्रभारी ने कहा कि गहलोत सरकार प्रदेश के लोगों का विशवास खो चुके हैं जिसका परिणाम जिला परिषद् चुनाव के नतीजों में सामने आया है। 21 जिला परिषद् में से 14 पर भाजपा ने जीत हासिल कर बता दिया है कि यदि आज चुनाव हो जायें तो भाजपा तीन-चौथाई जीत के साथ सरकार बना सकती है।
प्रदेश प्रभारी ने कहा कि गहलोत सरकार प्रदेश के लोगों का विशवास खो चुके हैं जिसका परिणाम जिला परिषद् चुनाव के नतीजों में सामने आया है। 21 जिला परिषद् में से 14 पर भाजपा ने जीत हासिल कर बता दिया है कि यदि आज चुनाव हो जायें तो भाजपा तीन-चौथाई जीत के साथ सरकार बना सकती है।
‘किसान-बेरोजगार सब परेशान’
सिंह ने कहा कि गहलोत सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान किसान और बेरोजगार युवा खासतौर से परेशान है। कांग्रेस जहां किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है वहीं राजस्थान में उन्हीं की कांग्रेस सरकार में किसानों का बुरा हाल हो रहा है। तो वहीं बेरोजगार युवा सरकार नौकरियों और बेरोज्दारी भत्ते के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।
सिंह ने कहा कि गहलोत सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान किसान और बेरोजगार युवा खासतौर से परेशान है। कांग्रेस जहां किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है वहीं राजस्थान में उन्हीं की कांग्रेस सरकार में किसानों का बुरा हाल हो रहा है। तो वहीं बेरोजगार युवा सरकार नौकरियों और बेरोज्दारी भत्ते के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।
उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने किसानों को बिजली कनेक्शन पर पूर्व में मिल रही सब्सिडी ख़त्म की गई है जबकि किसानों के कर्जे आज दिन तक माफ़ नहीं हुए हैं। किसान कर्जमाफी के लिए गठित कमेटी की मार्च से लेकर अभी तक बैठक तक नहीं हुई है। वहीं सरकार लगातार बिजली कीमतें बढ़ा रही है।
‘मतभेद स्वाभाविक, पर गुटबाजी नहीं’
प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने एक बार फिर पार्टी के अंदरखाने गुटबाजी की अटकलों को नकार दिया। उन्होंने दोहराया कि पार्टी नेताओं के बीच अक्सर मतभेद होते हैं लेकिन मनभेद नहीं रहते हैं। उन्होंने कहा कि मतभेद होना लोकतंत्र में ज़रूरी है। पार्टी में भी मतभेद होते हैं लेकिन सर्वसम्मति से निर्णय लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि 21 में 14 जिला परिषदों में जीत से सभी नेताओं की एकजुटता का ही परिणाम है।
प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने एक बार फिर पार्टी के अंदरखाने गुटबाजी की अटकलों को नकार दिया। उन्होंने दोहराया कि पार्टी नेताओं के बीच अक्सर मतभेद होते हैं लेकिन मनभेद नहीं रहते हैं। उन्होंने कहा कि मतभेद होना लोकतंत्र में ज़रूरी है। पार्टी में भी मतभेद होते हैं लेकिन सर्वसम्मति से निर्णय लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि 21 में 14 जिला परिषदों में जीत से सभी नेताओं की एकजुटता का ही परिणाम है।