scriptअब सौर ऊर्जा से चलेंगी सहकारी समितियां | State's GSS will be self-reliant in energy | Patrika News

अब सौर ऊर्जा से चलेंगी सहकारी समितियां

locationजयपुरPublished: Nov 23, 2020 10:32:49 am

Submitted by:

Rakhi Hajela

प्रदेश की जीएसएस होंगी ऊर्जा में आत्म निर्भर500 सहकारी समितियों में लगाए जाएंगे सोलर प्लांटआमदनी भी जुटा सकेंगी सहकारी समितियां

अब सौर ऊर्जा से चलेंगी सहकारी समितियां

अब सौर ऊर्जा से चलेंगी सहकारी समितियां

प्रदेश की सहकारी समितियां अब सूर्य की ऊर्जा से चलेंगी। राज्य सरकार इन सहकारी समितियों को सौर ऊर्जा से जोडऩे की योजना तैयार कर रही है। सहकारी समितियों में सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाने के बाद दोहरा फायदा होगा। एक तो सहकारी समितियां अपनी ऊर्जा खुद उत्पादन करेगी वहीं सरप्लस ऊर्जा को ग्रिड में सप्लाई कर आमदनी भी जुटा सकेंगी।
इसके लिए सहकारिता विभाग ने प्रारंभिक तौर पर 500 सहकारी समितियों को छांटा है। यह योजना इसलिए बनाई गई है ताकि समितियों की ऊर्जा की जरूरत पूरी हो सके साथ ही उन्हें आमदनी के लिए भी नियमत जरिया मिल जाए। इसके लिए सरकार दो तरीकों पर विचार कर रही है। पहला यह कि इसके लिए सरकार समितियों को बजट उपलब्ध करवाए और दूसरा यह कि सरकार उन्हें जमीन उपलब्ध करवाए और सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए सीधे समितियों के साथ टेंडर में आने वाली कंपनियों के एमओयू करवाए जाएं।
चार साल में दो हजार समितियां
चार सालों में 2 हजार समितियों को सोलर पावर से जोड़ा जाएगा । इस योजना को लागू करने के लिए विभाग के स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है। इसमें अपेक्स बैंक एमडी, संयुक्त सचिव प्लानिंग, संयुक्त सचिव नियम, संयुक्त सचिव बैंकिंग और संयुक्त सचिव आरआरईसी को शामिल किया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 5 हजार 500 सहकारी समितियां संचालित हैं। अगले चार सालों में सरकार चरणबद्ध तरीके से इनमें से 2 हजार सहकारी समितियों को सौर ऊर्जा से जोड़ेगी। मौजूदा वित्त वर्ष में इनमें से 500 समितियों को चिह्नित किया गया है।
यह आएगी लागत
माना जा रहा है कि एक मेगावाट विद्युत उत्पादन के सौर ऊर्जा संयंत्र पर साढ़े तीन से चार करोड़ रुपए की लागत आती है। 17 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन प्रति वर्ष हो सकता है। एक मेगावाट का संयंत्र से समिति को प्रति वर्ष 53 लाख रुपए आय हो सकती है। प्रत्येक वर्ष 5 लाख रुपए खर्च का अनुमान लगाया है। यानी एक साल में संयंत्र की स्थापना से 48 लाख रुपए की शुद्ध आय हो सकती है। 25 वर्ष की अवधि में लगभग 12 करोड़ की अनुमानित आय का आकलन किया गया है।
इनका कहना है,
सहकारिता विभाग प्रदेश की 500 सहकारी समितियों को सोलर पावर से जोडऩे जा रहा है। यह वह समितियां हैं जो वर्तमान में अच्छी हालत में हैं और शुद्ध लाभ दे रही हैं।
मुक्तानंद अग्रवाल, रजिस्ट्रार
सहकारिता विभाग।
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