जयपुर

अभी तक भी डिजीटल नहीं बन पाया प्रदेश का एकमात्र संस्कृत विश्वविद्यालय

जगद्गुरु रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय में परीक्षा आवेदन आनलाइन लेकिन फीस जमा करवाने के लिए लगना होगा कतार में

जयपुरOct 18, 2019 / 10:33 am

HIMANSHU SHARMA

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जयपुर
प्रदेश का एकमात्र जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय अभी तक भी डिजीटल नहीं पाया है। जबकि देश ही नहीं प्रदेश के विश्वविद्यालयों को डिजीटल बनाने के लिए निर्देश जारी हो चुके हैं। लेकिन जयपुर के भांकरोटा में स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय को डिजिटलाइजेशन करने का सपना अभी तक भी पूरा नहीं हो पाया है। यही कारण है कि विश्वविद्यालय में इस शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थी परीक्षा आवेदन तो आॅनलाइन भरेंगे लेकिन विद्यार्थियों परीक्षा शुल्क जमा करवाने के लिए डिजीटल पेमेंट नहीं कर सकेंगे। जबकि प्रधानमंत्री से लेकर यूजीसी तक विश्वविद्यालयों को डिजीटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कह चुके हैं। जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय ने इस शैक्षणिक सत्र के लिए सन 2020 में होने वाली शास्त्री और आचार्य की मुख्य परीक्षाओं के लिए आॅनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिसके तहत प्रदेश के सभी शास्त्री और आचार्य महाविद्यालयों के नियमित पूर्व और स्वयंपाठी परीक्षार्थी परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे। लेकिन विद्यार्थियों को आवेदन पत्र में आॅनलाइन या किसी भी डिजीटल पेमेंट गेटवे से परीक्षा शुल्क जमा करवाने की सुविधा विश्वविद्यालय ने नहीं दी है। विद्यार्थी को आवेदन करने के बाद परीक्षा शुल्क जमा करवाने के लिए बैंक के चक्कर लगाने होंगे। डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा मिलने के बाद भी परीक्षार्थी को आवेदन करने के बाद उस पत्र को डाउनलोड करना होगा और उसमें निकलने वाले चालान की कॉपी को भरकर परीक्षा शुल्क की नकद राशि इलाहबाद या भारतीय स्टेट बैंक में लाइन में लगकर जमा करवानी होगी। जबकि प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय इस सिस्टम को बंद कर चुके है और विश्वविद्यालय कैशलैस हो गए हैं।
यहां 2016 में ही हो गई थी प्रक्रिया शुरू
राजस्थान के विश्वविद्यालयों शत-प्रतिशत कैशलेस करने के लिए 2016 से ही प्रक्रिया शुरू गई थी। तत्कालीन राज्यपाल कल्याणसिंह ने 2016 में विवि के कुलपतियों को पत्र लिखकर कैशलेस भुगतान प्रक्रिया को लागू करने के लिए कहा है। राज्यपाल ने पत्र में कहा है कि विश्वविद्यालय से जुडे़ सभी लोगों को भुगतान के लिए ई-ट्रांजक्शन या डिजिटल ट्रांजेक्शन ही अपनाना होगा। क्योकि यह प्रक्रिया सरल, सुविधाजनक व सुरक्षित है। जिसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों ने इस प्रक्रिया को अपनाया और डिजीटल पेमेंट को बढ़ावा देकर विद्यार्थियों को आॅनलाइन आवेदन के साथ ही डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुविधा दी। लेकिन संस्कृत विश्वविद्यालय अभी भी वहीं बैंक में चालान के साथ नकद जमा करवाने की व्यवस्था को अपनाया हुआ है। जिससे विद्यार्थियों को असुविधा होने के साथ ही उनका समय भी खराब हो रहा हैं।
यह है परीक्षा कार्यक्रम
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार बिना विलंब शुल्क के अभ्यर्थी परीक्षा आवेदन 6 नवम्बर तक कर सकेंगे। इसके बाद सौ रुपए विंलब शुल्क के साथ आवेदन 7 से 15 नवम्बर तक किए जा सकेंगे। फिर भी कोई अभ्यर्थी अगर आवेदन करने से वंचित रह जाता है तो वह परीक्षा शुल्क के बराबर दोगुणा शुल्क के साथ 16 नवम्बर से 28 नवम्बर तक आवेदन कर सकेंगे।

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