scriptबांध के करीब फिर भी प्यासे लोग | Still thirsty people near the dam | Patrika News

बांध के करीब फिर भी प्यासे लोग

locationजयपुरPublished: Apr 18, 2017 12:42:00 pm

Submitted by:

pawan sharma

राजमहल. देवली उपखण्ड में बीसलपुर बांध होते हुए दर्जनों गांवों के लोग इन दिनों जलसंकट से जूझ रहे हैं। कई गांवों में लोग दूर-दराज के कुओं से पानी लाकर प्यास बुझाने पर मजबूर हैं तो कई गांवों में लोग गुजरती पाइप लाइनों से होते रिसाव के पानी से प्यास बुझा रहे हैं।

अम्बापुरा कॉलोनी से गुजर रही देवली की पाइप लाइन के वाल्व में जुगाड़ कर पानी भरती महिलाएं।

राजमहल. देवली उपखण्ड में बीसलपुर बांध होते हुए दर्जनों गांवों के लोग इन दिनों जलसंकट से जूझ रहे हैं। कई गांवों में लोग दूर-दराज के कुओं से पानी लाकर प्यास बुझाने पर मजबूर हैं तो कई गांवों में लोग गुजरती पाइप लाइनों से होते रिसाव के पानी से प्यास बुझा रहे हैं। गांवड़ी पंचायत के अम्बापुरा (दौलतामोड़) गांव में प्रशासन की ओर से लाखों रुपए खर्च कर दो टंकियों का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन दोनों टंकियों में अब तक पानी की एक बूंद तक नहीं भरी। इससे लोगों को दूर-दराज के कुओं से पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ रही है। वहीं कॉलोनी के कई लोग यहां से गुजरती बीसलपुर-टोंक -उनियारा पेयजल परियोजना की पाइप लाइन के वाल्व से होते रिसाव पर जुगाड़ बनाकर टपकते पानी से गला तर करने को मजबूर हंै। इसी प्रकार गांवड़ी गांव में कईं वर्षों से जलसंकट के कारण लोगों का बुरा हाल है। बीसलपुर बांध के करीब होने के बाद भी पानी का संकट होने से उनके साथ दीया तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। इसी प्रकार क्षेत्र के देवीखेड़ा, माताजी रावता, ककोडिय़ां, रघुनाथपुरा आदि गांवों में लोगों को गर्मी के साथ हांफते हैण्डपम्पों के कारण जलसंकट को लेकर खेतों स्थित कुओं पर भटकना पड़ रहा है। कई बार जलदाय विभाग के अभियंताओं को जल संकट से निजात दिलाने के लिए गुहार भी लगाई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर, सहायक अभियंता प्रदीप तिवाड़ी का कहना है कि अम्बापुरा में एक टंकी चालू है। इसका पानी सार्वजनिक नल प्वाइंट पर दिया जा रहा है। फिर भी कोई समस्या है तो दिखवाएंगे।
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