ये होगा पैनल का काम कांग्रेस की शहर इकाई ने जयपुर शहर संसदीय क्षेत्र की मतगणना के दौरान नजर रखने के लिए 5 अधिवक्ताओं का एडवोकेट पैनल बनाया है। राजस्थान व कॉमर्स कॉलेज में मतगणना के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेगा और ईवीएम ( Evm Machine ) सहित कोई भी गड़बड़ी की आशंका होने पर पार्टी मुख्यालय को रिपोर्ट देगा। ईवीएम में कथित गड़बड़ी ( Evm Tampering Cases In Rajasthan ) के आरोपों के बीच दावा है कि मतगणना के मद्देनजर पहली बार ऐसा पैनल बनाया गया है।
पार्टी नेताओं को सता रहा डर
कांग्रेस के मंत्री और विधायकों डर है कि अगर उनके क्षेत्र से प्रत्याशी पिछड़ता है तो कहीं उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष की नाराजगी का सामना नहीं करना पड़ जाए। मंत्रियों, विधायकों के साथ ही 25 सीटों के कांग्रेस प्रत्याशी भी अपने समर्थकों के जरिए फीडबैक लेने में जुटे हुए हैं। वैसे कांग्रेसी नेता एग्जिट पोल को भ्रामक बताकर सिरे से खारिज भी कर रहे हैं।
कांग्रेस के मंत्री और विधायकों डर है कि अगर उनके क्षेत्र से प्रत्याशी पिछड़ता है तो कहीं उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष की नाराजगी का सामना नहीं करना पड़ जाए। मंत्रियों, विधायकों के साथ ही 25 सीटों के कांग्रेस प्रत्याशी भी अपने समर्थकों के जरिए फीडबैक लेने में जुटे हुए हैं। वैसे कांग्रेसी नेता एग्जिट पोल को भ्रामक बताकर सिरे से खारिज भी कर रहे हैं।
गहलोत ने दिया ये तर्क
गौरतलब है कि सीएम अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने कहा है कि चुनावों में कांग्रेस की अच्छी स्थिति रहेगी। एग्जिट पोल ( Exit Polls 2019 ) में पहली बार ऐसी स्थिति नहीं बनी। कई बार पहले भी एग्जिट पोल ( Loksabha Exit Polls 2019 ) पूरी तरह गलत साबित हुए हैं। 2004 के लोस चुनाव ( lok sabha election 2019 ) में वाजपेयी की सरकार थी। तब भी इंडिया शाइनिंग का माहौल बनाया गया था, लेकिन सरकार यूपीए की बनी। एग्जिट पोल हमेशा अधिकांश रूप से गलत ही साबित हुए हैं।
गौरतलब है कि सीएम अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने कहा है कि चुनावों में कांग्रेस की अच्छी स्थिति रहेगी। एग्जिट पोल ( Exit Polls 2019 ) में पहली बार ऐसी स्थिति नहीं बनी। कई बार पहले भी एग्जिट पोल ( Loksabha Exit Polls 2019 ) पूरी तरह गलत साबित हुए हैं। 2004 के लोस चुनाव ( lok sabha election 2019 ) में वाजपेयी की सरकार थी। तब भी इंडिया शाइनिंग का माहौल बनाया गया था, लेकिन सरकार यूपीए की बनी। एग्जिट पोल हमेशा अधिकांश रूप से गलत ही साबित हुए हैं।