इसके साथ ही विभाग ने जीएसटीआर-1 को आधार बनाकर व्यापारियों द्वारा खरीदे गए माल या ली गई सेवाओं के बिलों की पुष्टि करने को कहा है। व्यापारियों के लिए ये बहुत बड़ा सिरदर्द बन गया है, क्योंकि विभाग ने नोटिस में केवल वित्तीय वर्ष और बिलों की राशि बताई है, उनमें न तो बिल का नंबर है और न ही जीएसटीआर-1 का महीना। जिन व्यापारियों के एक ही आपूर्तिकर्ता से साल में अनेक बिल आते हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा कि विभाग कौनसे बिलों की पुष्टि करना चाहता है।
एक और बड़ी खामी सामने आई है कि, जानकारी जीएसटीआर-1 के आधार पर मांगी गई है, लेकिन नोटिस में विक्रेता या सेवा प्रदाता के जीएसटी नंबर के स्थान पर पैन नंबर दिया गया है। बैंकों द्वारा दी गई सेवाओं पर काटे गए शुल्कों की भी पुष्टि करने को कहा है।