अस्पताल प्रशासन के अनुसार इस नए ब्लॉक में चार विभागों को शिफ्ट किया जाएगा। यह सभी विभाग पेट संबंधी बीमारियों से जुड़े है। जिसमें नेफ्रोलॉजी, यूरोेलॉजी, गेस्ट्रो इंट्रोलॉजी और एक नया विभाग हिप्टो पेनक्रिएटो बिलेरी सर्जरी शामिल है। अस्पताल प्रशासन की माने तो अगले माह से इस ब्लॉक में मरीजों को भर्ती कर इसका ट्रायल रन शुरू कर दिया जाएगा। जिसके बाद गाल ब्लेडर,किडनी,यूरिन,पेनक्रियाज,पथरी आदि पेट से संबंधित बीमारियों का इलाज एक ही छत के नीचे होगा।
किडनी ट्रांसप्लांट से लेकर अत्याधुनिक आइसीयू
नए ब्लॉक में लिवर ट्रांसप्लांट से लेकर अत्याधुनिक आइसीयू की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध हो सकेगी। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी और ओटी तक की सुविधा इसी ब्लॉक में मिल सकेगी। वहीं एक ही बिल्डिंग पेट संबंधी बीमारियों के सभी रोगों का इलाज,जांच,दवाई भी उपलब्ध होगी। 300 बेड वाले इस सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में 50 आइसीयू,6 मॉडयूलर आॅपरेशन थिएटर,एमआरआइ मशीन,7 एंडोस्कोपी मशीन,45 डायलिसिस टेबल और मरीजों के परिजनों के लिए वेटिंग रुम तक होगा। स्टेट आफ दी आर्ट बिल्डिंग को बनाने में करीब 200 करोड़ रुपए की लागत आई है। ब्लॉक कुल सात मंजिला है और दो बेसमेंट इसमें बनाए गए है जिसमें पार्किंग भी उपलब्ध होगी।
इनका यह कहना
नए ब्लॉक को बनाने के लिए 60 प्रतिशत केंद्र सरकार से और 40 प्रतिशत राशि का सहयोग राज्य सरकार से मिला है। जिसके बाद ब्लॉक में पेट संबंधी चार विभागों को शिफ्ट करने का काम चल रहा है। काम अंतिम चरण में है। अगले माह से इसका ट्रायल रन शुरू कर दिया जाएगा।
डॉ.विनय मल्होत्रा,अधीक्षक,एसएमएस अस्पताल