scriptअयोध्या में पत्थर तराशने का आगे का कार्य धर्माचार्यों के निर्णय के बाद : विहिप | stone carving work in Ayodhya after decision of Dharmacharyas : VHP | Patrika News

अयोध्या में पत्थर तराशने का आगे का कार्य धर्माचार्यों के निर्णय के बाद : विहिप

locationजयपुरPublished: Nov 11, 2019 01:23:08 am

Submitted by:

sanjay kaushik

विश्व हिंदू परिषद (विहिप)(VHP) ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिये पत्थर तराशने का आगे का कार्य(Stone Carving Work) संत-धर्माचार्यों के निर्णय के बाद(After Dharmacharyas Decision) लिया जाएगा।

अयोध्या में पत्थर तराशने का आगे का कार्य धर्माचार्यों के निर्णय के बाद : विहिप

अयोध्या में पत्थर तराशने का आगे का कार्य धर्माचार्यों के निर्णय के बाद : विहिप

-पहले तल की निर्माण सामग्री तैयार

अयोध्या। विश्व हिंदू परिषद (विहिप)(VHP) ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिये पत्थर तराशने का आगे का कार्य(stone carving g Work) संत-धर्माचार्यों के निर्णय के बाद(After Dharmacharyas Decision) लिया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने रविवार को यहां विश्व हिंदू परिषद मुख्यालय कारसेवकपुरम में कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए प्रस्तावित मॉडल के अनुसार प्रथम तल की निर्माण सामग्री लगभग तैयार कर ली गई है, जबकि दूसरे तल के लिए मंदिर निर्माण पत्थरों को तराशने का कार्य अब संत-धर्माचार्य के निर्णय के बाद ही किया जाएगा।
-ट्रस्ट बनते ही तय होगी आगे की रणनीति

शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को एक ट्रस्ट बनाए जाने के लिये कहा है और उसका समय भी नब्बे दिन का दिया गया है। जिस दिन केंद्र सरकार ट्रस्ट बना देगी उसके बाद मंदिर निर्माण उच्चाधिकारी समिति एवं श्रीरामजन्मभूमि न्यास की एक बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने राम मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त कर दिया है और यह मान लिया है कि भगवान श्रीराम का जन्म उसी स्थान पर हुआ था, लेकिन साथ ही साथ यह भी केन्द्र सरकार से कहा है कि एक ट्रस्ट बनाया जाय, जिसकी मियाद 90 दिन है।
-राममंदिर का मॉडल 1959 में तैयार

विहिप प्रवक्ता ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए पैंसठ फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। जैसे ही केंद्र सरकार नब्बे दिन के अंदर ट्रस्ट बना देगा। वैसे ही संत धर्माचार्यों का एक बैठक करके दूसरे तल के लिए पत्थरों का तराशना शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कार्यशाला की स्थापना 1990 से हुई थी। तभी से मंदिर के लिये पत्थर तराशे जा रहे हैं। सन 1855 से चल रहे अयोध्या विवाद में नौ नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया, लेकिन अयोध्या में प्रस्तावित राममंदिर का मॉडल 1959 में प्रयागराज कुंभ के दौरान ही देवरहा बाबा समेत देश के शीर्ष संतों के अनुमोदन पर तैयार कर लिया गया था। इस राम मंदिर मॉडल के चित्र को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य किया गया था, जिसके बाद शिलापूजन का कार्यक्रम किया गया था। उन्होंने बताया कि चंदन की लकड़ी से बने राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल को अयोध्या की इस कार्यशाला में रखा गया है जिसे आज भी देश-विदेश के काफी श्रद्धालु आकर देखते हैं।
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