इस कथित पथराव के फ़ौरन बाद जिस तरह से सीएम राजे की प्रतिक्रिया आई थी, ठीक उसी तरह से सीएम शिवराज की भी प्रतिक्रिया आई। जहां सीएम राजे ने जोधपुर संभाग में हुए पथराव पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर निशाना साधा था, वहीं शिवराज ने उनके रथ पर हुए इस कथित पथराव के लिए नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को जिम्मेदार बताया।
सीएम शिवराज ने मंच से कहा, ”छुपकर पत्थर फेंकने वाले नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह अगर हिम्मत है, तो सामने से मुकाबला करो। मैं तो शरीर से बहुत दुबला-पतला हूं, लेकिन तुम्हारी इन हरकतों से डरने वाला नहीं। जनता ने जो आशीर्वाद दिया है उससे बौखलाते क्यों हो।”
इधर अजय सिंह ने आरोप को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा, ”जनता सीएम के विकास न कराने से नाराज हैं, इसलिए लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। कांग्रेस की यह संस्कृति नहीं है कि वह विरोधियों के खिलाफ ऐसी उग्रता दिखाए। जो हुआ निंदनीय है। मुझे आशंका है कि यह मुझे बदनाम करने की साजिश है।”
दरअसल, सीएम शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा रविवार रात करीब साढ़े 12 बजे शहर स्थित पूजा पार्क पहुंची। यहां उन्होंंने सभा की शुरुआत चुरहट विस क्षेत्र में हुए पथराव से की। उन्होंने कहा कि सीधी, चुरहट या विंध्य प्रदेश शिष्टाचार का प्रदेश है। यहां राजनीति में वैचारिक मतभेद होते हैं लेकिन दुश्मनी कभी नहीं होती। चोरी छिपे पत्थर फिकवाने वालों की यह अच्छी राजनीति नहीं बल्कि बचकानी हरकत है। जनता ने मुझे जो आशीर्वाद दिया है और जिस तरह से यहां जनसैलाब स्वागत के लिए उमड़ा है, उससे बौखलाते क्यों हो। इस तरह तुम राजनीति को कहां ले जाओगे, तुम्हारे पिताजी अर्जुन सिंह कभी ओछी राजनीति नहीं करते थे। सीएम ने कहा कि जो मां का नहीं हुआ, वह प्रदेश का क्या होगा।
सीएम की सुरक्षा पर सवाल राजस्थान में सीएम वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान की रथ यात्रा पर कथित पथराव का मामला दोनों ही प्रदेशों की सियासत में तूल पकड़ा हुआ है। दोनों ही सीएम ने इसके लिए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पर सीधा-सीधा आरोप लगाया है। लेकिन इन सभी के बीच दोनों सीएम की यात्रा पर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। अभी यात्राओं को कई ज़िले कवर करने हैं, ऐसे में यात्रा के बीच हो रहे कथित पथराव और काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शनों को रोकना पुलिस के लिए भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।