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भीलवाड़ा को एपीसेंटर बनने से रोकें, वेंटिलेटर, टेस्ट किट का रखें इंतजाम

locationजयपुरPublished: Mar 28, 2020 07:36:09 pm

Chief minister Ashok Gehlot VC On Coronavirus : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 (कोरोना) के व्यापक संक्रमण को रोकने के लिए आने वाले समय में करीब दस हजार वेंटिलेटर और अधिक से अधिक टेस्ट किट की जरूरत पड़ेगी।

Stop Bhilwar becoming an epicenter, arrange for ventilator, test kit

भीलवाड़ा को एपीसेंटर बनने से रोकें, वेंटिलेटर, टेस्ट किट का रखें इंतजाम

जयपुर

Chief minister Ashok Gehlot VC On coronavirus : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 (कोरोना) के व्यापक संक्रमण को रोकने के लिए आने वाले समय में करीब दस हजार वेंटिलेटर और अधिक से अधिक टेस्ट किट की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पर्याप्त मात्रा में जल्द से जल्द वेंटिलेटर एवं टेस्ट किट का इंतजाम करके रखें। मुख्यंमत्री ने आईसीएमआर से रैपिड टेस्ट किट को मंजूरी मिलते ही इनकी जल्दी खरीद करने के निर्देश दिए ताकि अधिक संख्या में लोगों की स्क्रीनिंग की जा सके। इस रैपिड टेस्ट किट की मदद से भीलवाड़ा में मास स्क्रीनिंग करके संभावित कम्यूनिटी स्प्रेड को सही समय पर रोका जा सकता है।

मुख्यमंत्री शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और विशेषज्ञ चिकित्सकों से वायरस के संक्रमण रोकने के उपायों पर चर्चा की। वीसी के दौरान मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश के अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज एवं निजी चिकित्सालयों में कोरोना संक्रमण की संभावित स्थिति के लिए की गई तैयारियों के बारे में पूरी जानकारी ली।
वीसी में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर राजाबाबू पंवार, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी, सवाई मानसिंह अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. वीरेंद्र सिंह, आईआईएचएमआर के चैयरमेन डॉ. अशोक अग्रवाल, निम्स यूनिवर्सिटी जयपुर के डॉ. पीआर गुप्ता एवं अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद थे।


भीलवाड़ा को एपीसेंटर बनने से रोकें

मुख्यमंत्री ने कहा भीलवाड़ा जिले को कोरोना का एपीसेंटर बनने से रोकने के लिए हरसम्भव उपाय किया जाए। उन्होंने जिले से किसी के बाहर जाने को पूरी तरह से रोकने और संदिग्ध रोगियों को आइसोलेशन में रखने के साथ ही व्यापक स्तर पर स्क्रीनिंग एवं जांच की जाए।


बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जाए
बुजुर्गों को संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसे में उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। आमजन में जागरूकता पैदा की जाए कि बच्चों एवं बुजुर्गों को दूसरों से ज्यादा घुलने मिलने नहीं दें जिससे उनमें संक्रमण का खतरा पैदा नहीं हो।


हैल्थ केयर वर्कर्स का रखें खयाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सक, नर्सेज एवं अन्य हैल्थ केयर वर्कर्स हमारे अग्रिम योद्धा हैं। ऐसे में इन्हें संक्रमित होने से बचाने की पूरी तैयारी रखी जाए। सभी हैल्थकेयर वर्कर्स की नियमित अंतराल पर जांच की जाए ताकि किसी के संक्रमित होने का पता सही समय पर चल सके।


संपर्क में आने वालों की स्क्रीनिंग हो
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने निर्देश दिए कि केंद्र सरकार की गाइड लाइन को फॉलो करते पॉजिटिव पाए गए रोगियों के संपर्क में आने वालों की स्क्रीनिंग की जा रही है। मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए निर्देशों में दूसरे राज्यों से आए लोगों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुँचाने के बस एवं अन्य साधनों का समुचित इंतजाम किया जा रहा है। जिन राज्यों से लोग राजस्थान आ रहे हैं, उन राज्यों के प्रशासन से संपर्क स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा भीलवाड़ा जिले पर पूरी तरह नजर रखी जा रही है।


रोटेशन पर लगाए जा रहे हैं डॉक्टर
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार शाम तक राज्य में 54 पॉजिटिव रोगी मिले हैं। डॉक्टर, नर्सेज एवं अन्य हैल्थकेयर वर्कर्स को हाईरिस्क जोन में रोटेशन पर लगाया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर एक्स्ट्रा वर्कफोर्स उपलब्ध रहे। रैपिड टेस्ट किट को अमेरिकी एजेन्सी एफडीए से मंजूरी मिल गई है। आईसीएमआर से मंजूरी मिलते ही उसकी खरीद की जाएगी। ताकि जांच सुविधा का दायरा बढ़ाया जा सके।


अभी टेस्ट क्षमता प्रतिदिन 1300 से 1500 तक
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि फिलहाल सवाई मानसिंह चिकित्सालय में 1300 से 1500 तक की प्रतिदिन जांच की कैपेसिटी है। महात्मा गाँधी मेडिकल कॉलेज को आईसीएमआर से मंजूरी मिलने के बाद 500 जांच प्रतिदिन और की जा सकेंगी। आने वाले समय में 10 हजार किट्स की आवश्यकता रहेगी।


रैपिड डायग्नोस्टिक स्क्रीनिंग टेस्ट किट ज्यादा कारगर

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. एस.डी. गुप्ता ने बताया कि भीलवाड़ा कोरोना वायरस का हॉटस्पोट बन सकता है क्योंकि अभी तक 50 प्रतिशत केस अकेले भीलवाड़ा से मिले हैं। वहां सर्विलांस के साथ-साथ संक्रमण रोकने के पर्याप्त उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने एफडीए द्वारा अप्रूव किए गए रैपिड डायग्नोस्टिक स्क्रीनिंग टेस्ट किट का इस्तेमाल कर भीलवाड़ा में व्यापक जांच किए जाने का सुझाव दिया। ताकि इस किट के जरिए कोई भी मेडिकल प्रैक्टिशनर जांच कर सकता है और रिजल्ट भी बहुत जल्दी पता चल जाता है। सिंगापुर, ताईवान एवं दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने व्यापक स्तर पर जांचें कर इस वायरस पर नियंत्रण किया था।

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