scriptकहानी-ग्रान्ड पा का बोपन्ना | story-grand pa ka bopanna | Patrika News
जयपुर

कहानी-ग्रान्ड पा का बोपन्ना

बोपन्ना हाउस के बाहर बोर्ड लटक रहा था ‘जेनाट ओल्ड एज पोस्ट केयर सेन्टर।’ मुख्यमंत्री ने उद्घाटन करते हुए बोपन्ना से कहा-आपने अपने दद्दू को अमर कर दिया है।

जयपुरDec 22, 2020 / 01:36 pm

Chand Sheikh

कहानी-ग्रान्ड पा का बोपन्ना

कहानी-ग्रान्ड पा का बोपन्ना

राजेन्द्र मोहन शर्मा

हैलो हैलो मिस्टर! कहां हो तुम? मैं कब से सभी प्लेटफॉर्म पर ट्राई कर चुका हूं, तुम जवाब क्यों नहीं देते, बहुत थक गया हूं और तलब भी हो रही है। वाट्सएप पर लिखकर ग्रान्ड पा ने एक एक सैड इमोजी लगाई और निढाल होकर पिलो का सहारा लेकर पलंग के बैक से अपनी कमर लगा दी।
दो मिनट बाद ही ऑक्सीजन मास्क के साथ बोपन्ना की तस्वीर मोनिटर पर फ्लैश होने लगी। क्या हुआ दद्दू! मोनिटर के नीचे लाइन चलने लगी लेकिन मिस्टर जेनाट यानी ग्रेन्ड पा ने जब कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया तो बांसुरी की मीठी धुन वाली हल्की हल्की बीप बजने लगी। जेनाट ने धीमें से आंखें खोलकर सामने देखा तो मोनिटर की बगल में डिस्की ब्लैक कॉफी लिए खड़ी थी। सामने देखा तो बोपन्ना मुस्कुराते हुए दद्दू को कॉफी का इशारा कर रहा था। दद्दू अब भी थोड़े उखड़े हुए थे, बोपन्ना ने मोनिटर पर लिखा-वह वाशरूम में था ।
कॉफी निपटा कर दद्दू आराम से पिलो को गोद में रखकर सीधे बैठ गए और चैस जमाने लगे। बोपन्ना ने दद्दू को बीच में टोका और मोनिटर पर फिर लिखा-अभी आपकी कोरोना रिपोर्ट पोजिटिव ही आई है। पहले अपना ऑक्सीजन मास्क लगाएं। जेनाट झाल्ला उठे और जबरदस्ती खींच खांच कर उसे अपने मुंह पर चिपकाया। दद्दू उतावले हो रहे थे उन्होंने मोनिटर पर लिखा-अब इधर उधर की कोई बात नहीं अपनी चाल चलो। बोपन्ना ने वजीर को आगे लाने के लिए जगह बनाते हुए सिपाही को आगे बढाया। दद्दू तो इसी अवसर की तलाश में थे, उन्होंने ने लपक कर बोपन्ना के ऊंट का शिकार कर लिया। लेकिन खुश होने के बजाय जेनाट की सांसे उखाडऩे लगीं। बोपन्ना को अपने ईयरफोन में उखड़ती सांसों के तूफान की आहट सुनाई दी। उसने तेजी से मोनिटर पर जेनाट को कुछ इंसट्रक्सन दिए- ‘दद्दू अपना ऑक्सीजन मास्क ठीक से लगाएं।’ लेकिन जब इधर से कोई हरकत नहीं देखी तो बोपन्ना ने डिस्की को ऑनलाइन इंसट्रेक्सन देने शुरू किए और डिस्की के इलेक्ट्रिक राइट आर्म ने पल भर में जेनाट का मास्क ठीक किया और फिर कुछ पलों तक बेड पर लगे मोनिटर पर जेनाट की सांसों को रेगुलर होते देखा। थोड़ी देर में नॉर्मल होते ही जेनाट ने चैस बोर्ड पर निगाह डाली। उन्हें यह देखकर तसल्ली हुई कि बोपन्ना ने कोई हेरफेर नहीं किया।
जेनाट ने नजरें तनिक ऊपर उठा कर बोपन्ना से पूछा-जेनिफर का क्या हाल है, फिर एक स्माइली लगाकर पूछा-वो अब तक टिकी है या फुर्र हो गई है? बोपन्ना बोला- दद्दू सब लड़कियां ऐसी नहीं होती,जेनिफर घर रह कर सब चीजें मैनेज कर रही है। और हां ये तो मैं बताना ही भूल गया था हास्पिटलाइज होने से पहले हम दोनों ने मैरिज कर ली है। जेनाट के चेहरे पर एक भाव आ रहा था, एक जा रहा था। चालीस साल पहले रोहित भी शादी की बात से खफा होकर घर छोड़ कर अमरीका जा बसा था और फिर देखिए वहीं शादी करके सैटल हो गया था। आज उसके बेटे बोपन्ना ने भी फिर इतिहास दोहरा दिया। पहले ये भी ना नुकुर करता रहा फिर अचानक यह समाचार। लेकिन थोड़े से विचार के बाद जेनाट मुस्कुरा उठे-चलो लड़के में थोड़ा ठहराव तो आया। लेकिन पहले आप ये बैड तो छोडि़ए
बस इसी तरह दोनों हजारों किलो मीटर दूर बैठे पोजिटिव होकर भी नेगेटिव नहीं हुए थे। आज बोपन्ना का जन्मदिन और जेनाट का भी स्पेशल डे था। जेनाट ने आज दस मिलियन डॉलर गेन किए थे शेयर मार्केट से। बोपन्ना ने मोनिटर पर लिखा ‘दद्दू आपको पैसे कि इतनी भूख क्यों है, क्या करेंगे इतने धन का?’ जेनाट ने एक इस्माइल चिपकाते हुए जवाब लिखा ‘पैसा तो खुद चलकर आ रहा है कोरोनाकाल में। जब सब को नुकसान हो रहा तब भी मैं शेयर्स में लाभ उठा रहा हूं। मतलब साफ है पैसा कमाना मेरा शगल है।’ बोपन्ना ने उदासी वाली इमोजी लगा कर फिर पूछा ‘पर आप करेगें क्या इस सब का।’ जेनाट ने सपाट जवाब लिखा ‘मैं सिर्फ कमाने के लिए पैदा हुआ हूं, खर्च का तुम जानो।’
‘मैं.. मैं क्या …. करूंगा ….।’ आधा अधूरा सा वाक्य लिखा छोड़कर बोपन्ना ने अचानक ही मोनिटर के कुछ बटन दबाए और चैक किया कि दद्दू ने आज ऑनलाइन कहां पूजा की है। बोपन्ना आंख गड़ाए पढऩे लगा। ‘हे भगवान बोपन्ना को समझााओ धन का सबसे अच्छा उपयोग मानव कल्याण के लिए दान होता है।’ आपका- जेनाट।’ पढते ही बोपन्ना को जोरदार भटका लगा, उधर जेनाट बोपन्ना की ऑनलाइन पूजा की विश पढ रहे थे, ‘मेरे दद्दू को हैल्दी लाइफ दो प्रभु।’ जेनाट पढ कर मुस्कुराए। ‘बच्चा समझादार हो गया मेरी हैल्दी लाइफ की दुआ कर रहा है, बालक की सुनिए भगवान।’ सोचकर जेनाट मुस्कुरा उठे। सप्ताह भर में जेनाट की रपट नेगेटिव आ गई लेकिन पहले की बीमारियों से मिली सारी दिव्यांगताएं शरीर में यथा स्थान थी। रॉयल हिल्स में दस एकड़ में फैले विशाल बोपन्ना हाउस में एक दर्जन सहायकों पर चालीस रोबोट्स तैनात थे।
आज सुबह जब डिस्की सवेरे की कॉफी लेकर जेनाट के रूम में एन्टर हुई तो उसे सब कुछ थमा हुआ सा लगा। डिस्की ने जेनाट को हिलाया डुलाया, लेकिन सब बेकार। डिस्की ने तत्काल डॉक्टर और बोपन्ना को इमर्जेंसी अलर्ट भेजा, थोड़ी देर में डॉक्टर का मैसेज फ्लैश हो रहा था ‘ही इज नो मोर।’
दस दिन बाद बोपन्ना हाउस के बाहर बोर्ड लटक रहा था ‘जेनाट ओल्ड एज पोस्ट केयर सेन्टर।’ राज्य के मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए बोपन्ना हाउस की सारी प्रोपर्टी और बैंक बैलेंस के पेपर्स सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर को सौंपते हुए मुस्कुरा कर बोपन्ना से कहा-आपने सचमुच अपने दद्दू को सदियों के लिए अमर कर दिया है। बोपन्ना ने ऑक्सीजन मास्क को थोड़ा सा सरकाकर कहा-ये सब दद्दू की प्रोपर्टी थी और उनकी इच्छा के अनुसार इण्डिया के ही काम आनी चाहिए थी। चीफ मिनिस्टर ने बोपन्ना के जल्द स्वस्थ होने की दुआएं देते हुए उसे भारत आने का निमंत्रण भी हाथों हाथ दे दिया।

Home / Jaipur / कहानी-ग्रान्ड पा का बोपन्ना

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो