प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों और छात्रों की घर वापसी का रास्ता साफ
जयपुरPublished: Apr 29, 2020 10:15:09 pm
सभी को होगी जांच, लक्षण न मिलने पर ही जाने दिया जाएगा
प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों और छात्रों की घर वापसी का रास्ता साफ
नई दिल्ली. कोरोना से निपटने के लिए 24 मार्च से अचानक लागू लॉकडाउन के दौरान परदेस में फंसे लाखों प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों व तीर्थयात्रियों की घर वापसी का रास्ता बुधवार को साफ हो गया।
गृहमंत्रालय ने इन सभी को अपने गृह-राज्य और गृह-जनपद लौटने की अनुमति दे दी है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए इस आदेश के साथ गृहमंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत वे दिशा निर्देश भी जारी की जिनके तहत सभी अपने घर लौटना होगा। इनके मुताबिक सभी राज्यों को फंसे हुए लोगों को भेजने और बुलाने के लिए नोडल प्राधिकारी और मानक प्रोटोकॉल तय करना होगा। जाने वाले सभी लोगों शुरुआत में ही जांच होगी और किसी प्रकार का लक्षण न मिलने पर ही उन्हें जाने दिया जाएगा।
इसी तरह गन्तव्य तक पहुंचने पर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय दिशानिर्देश के अनुरूप सभी को अपने घरों पर ही क्वारंटाइन रहना होगा। केंद्रीय गृहमंत्रालय के अनुसार दूसरे जनपदों या राज्यों से लौटने वाले सभी लोगों पर निगरानी रखने के लिए उन्हें अपने मोबाइल आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करना होगा। केंद्र सरकार के इस कदम से पहले प्रवासी मजदूरों और कोटा जैसे शहरों में फंसे बाहरी छात्रों को लेकर भी रिसायत गरम रही। बिहार प्रवासियों को भेजे जाने का विरोध करता रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश जैसे राज्य तीन दिन पहले ही अपने मजदूरों की वापसी का ऐलान कर चुका है।
इस तरह हो सकेगी वापसी
सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को नोडल प्राधिकारी नियुक्त करके राज्य के भीतर ही फंसे लोगों को उनके गृहजनपदों में वापसी या किसी एक जनपद से दूसरे में भेजने के लिए मानक प्रोटोकॉल तय करना होगा। स्थानीय नोडल प्राधिकारी राज्य के भीतर ऐसे सभी लोगों को पंजीकृत करेंगे।
एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने के मामले में दोनों संबंधित राज्यों को एक दूसरे से सलाह करके सड़क मार्ग से भेजने या लाने की व्यवस्था करनी होगी।
जाने वाले सभी लोगों की जांच (स्क्रीनिंग) होगी और लक्षण न मिलने पर ही उन्हें आगे जाने दिया जाएगा।
लोगों के समूहों को लाने या भेजने के लिए बसों का प्रयोग किया जाएगा। सभी बसों को सैनेटाइज किया जाएगा और लोगों को बैठाने में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा।
आने-जाने के मार्ग के रास्ते में पडऩे में वाले राज्यों या केंद ्रशासित प्रदेशों को ऐसे लोगों को अपने यहां से गुजरने देना होगा।
घर लौटे सभी लोगों की निगरानी की जाएगी और उनकी तय समय के भीतर मेडिकल जांच भी की जाएगी।
क्वारंटाइन जरूरी
गन्तव्य पर पहुंचने पर सभी लोगों की स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकारी जांच करेंगे और सभी को होम क्वारेंटाइन पर भेजेंगे। यदि उन्हें लगता है कि किसी व्यक्ति या समूह को किसी संस्था में क्वारेंटाइन करना चाहिए तो वह भेज सकते हैं।