-राजस्थान में स्ट्रीट वेंडर एक्ट की पालना में फेल सरकार-6 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स हैं प्रदेश में-थड़ी-ठेले वालों को नहीं मिली वैध ठोर, सड़कों पर जाम से जूझ रहे लोग-तीन शहरों में भंग है टाउन वेंडिंग कमेटी
कानून का उड़ा रहे मखौल, सड़क पर थड़ी-ठेलों का मकड़जाल, जनता बेहाल
जयपुर। थड़ी-ठेलों को वैध ठोर देने में सरकार फेल हो गई है। इसका साइड इफेक्ट यह है कि सड़कों पर बेतरतीब तरीके से थड़ी-ठेले बढ़ते जा रहे हैं और राहगीरों-वाहन चालकों की राह सिकुड़ती जा रही है। सड़कों पर जाम के हालात से जूझना पड़ रहा है। साथ ही थड़ी-ठेले वालों को भी नगरीय निकायों की कार्रवाई से जूझना पड़ रहा है। यह हालात तब है जब प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर एक्ट लागू है। गंभीर यह है जयपुर, जोधपुर और कोटा जैसे शहरों के नगर निगमों में तो स्ट्रीट वेंडर कमेटी ही भंग है। इस वजह से वेंडर्स की समस्या अमरबेल की तरह बढ़ती जा रही है। यह स्थिति कोढ में खाज जैसी है।
मौजूदा सरकार में बैठक ही नहीं, संवाद खत्म
प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत नियम-प्रावधान निर्धारित हैं। इस बीच 184 निकायों में टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन भी किया गया, लेकिन मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के बाद कमेटियों की बैठक ही नहीं हुई। जबकि, हर तीन माह बैठक होना अनिवार्य है।
जयपुर में थड़ी-ठेला व्यवसायियों को रोजगार के लिए जगह देने के हिसाब से वेंडिंग जोन बनाने थे, लेकिन सरकार ने नॉन वेंडिंग जोन बना दिए। बताया जा रहा है कि सरकार ने 181 वेंडिंग जोन कागजों में बना रखे हैं, लेकिन ये धरातल पर नहीं आ पाए। यही वजह है कि शहर में बेतरतीब तरीके से थड़ी-ठेला वाले खड़े हो जाते हैं और शहर जाम में फंसा नजर आता है।
ये है टाउन वेंडिंग कमेटी
थड़ी-ठेला व्यवसायियों की समस्याओं के निवारण के लिए सरकार ने टाउन वेंडिंग कमेटियां बना रखी हैं। एक कमेटी में 25 सदस्य व पदाधिकारी हैं। इसमें संबंधित निकाय प्रमुख अध्यक्ष हैं, इसके अलावा वेंडर्स के 10 सदस्यों का निर्वाचन होता है। इसमें 7 पुरुष और 3 महिला वेंडर्स शामिल हैं। मोहल्ला विकास समिति, व्यापार मंडल के दो सदस्य, दो एनजीओ पदाधिकारी भी इसमें सदस्य हैं।
फैक्ट फाइल राजस्थान में कुल वेंडर्स – 6 लाख जयपुर में वेंडर्स की संख्या – 60 हजार अब तक जारी हुए परिचय पत्र – 80 हजार जयपुर में परिचय पत्रों की संख्या -13 हजार …………… -वेंडिंग जोन को लेकर निकाय गंभीर नहीं हैं। हम समय-समय पर निर्देश देते रहते हैं, लेकिन काम निकायों को ही करना है। वेंडिंग जोन तय होने चाहिए, ताकि लोगों को कोई परेशानी नहीं हो। दोबरा दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं।
भंवर लाल बैरवा, प्रोजेक्ट निदेशक, स्वायत्त शासन विभाग वर्तमान सरकार के आने के बाद स्ट्रीट वेंडर्स की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जयपुर, जोधपुर और कोटा में तो कमेटियां ही भंग है। ऐसे में थड़ी-ठेले वालों का कोई धणी-धोरी नजर नहीं आ रहा है।
बनवारी लाल शर्मा, अध्यक्ष, हैरिटेज सिटी थड़ी-ठेला यूनियन