तो वहीं बकाया राजस्व की वसूली के लिए कार्यालय उप महानिरीक्षक, पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग जयपुर-द्वितीय ने इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) को एक खत के जरिए बताया है। साथ ही बकायादार कंपनियों के बैंक खाते सीज करने और वसूली जमा कराने के संबंध में सहयोग भी मांगा है। जबकि इस मामले पर डीआईजी स्टाम्प, जयपुर नीतू राजेश्वर का कहना है कि न्यायालय में लंबित और निर्णित प्रकरणों के बकायादारों को एमनेस्टी योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वहीं, बड़े और ड्यूटी नहीं चुकाने वालों की सूची तैयार है। और उनके खिलाफ कार्यवाई की जाएगी।
कुर्की के बाद आईबीए को पत्र न्यायालय कलक्टर (मुद्रांक) जयपुर द्वितीय ने प्रकरण. सं- 265115 में पारित निर्णय 24 अगस्त 2017 की पालना में मांग राशि जमा नहीं कराने पर दस्तावेज से संबंधित सम्पत्ति की कुर्की कर दी है। अन्य प्रकरणों में भी कुर्की की जा रही है।
इनके खिलाफ लिखा आईबीए को खत 1. मैसर्स इंडियन फाईबर्स लिमिटेड के करीब 2 करोड़, 81 हजार रुपए, 2. मैसर्स रॉयल एस्कोट रियल्टी लिमिटेड के करीब 4 करोड़
3. मैसर्स कारा टाउन प्लानर्स के 15 करोड़ रुपए से ज्यादा बाकी है। बकाया पर सिर्फ 1.93 फीसदी वसूली स्टाम्प ड्यूटी जमा कराने पर ब्याज एवं शास्ति में रियायत दिए जाने की एमनेस्टी योजना चलाई। इसके अंतर्गत विभाग ने पुरानी बकाया की 100 फीसदी वसूली करने के निर्देश दिए थे। लेकिन 7 नवंबर तक प्रदेश में 1404 प्रकरणों में करीब 11 करोड़ रुपए वसूली की है। यह राशि बकाया के विरूद्ध सिर्फ 1.93 फीसदी हैै। इससे भी विभाग चिंतित है।