scriptपोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के नियम कड़े | Strict rules of portfolio management services | Patrika News

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के नियम कड़े

locationजयपुरPublished: Nov 21, 2019 09:59:08 pm

मुंबई। सेबी ( Sebi ) ने कहा है कि लिस्टेड कंपनियां अगर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ब्याज या कर्ज की किस्त चुकाने में 30 दिनों से अधिक की देरी करती है तो उन्हें उसकी जानकारी स्टॉक एक्सचेंजों को देनी होगी। सेबी ने इस फैसले के साथ अमीरों का इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट के नियम कड़े कर दिए और राइट्स इशू की अवधि भी घटा दी। सेबी ने कहा कि लोन डिफॉल्ट की जानकारी 30वें दिन के बाद अगले 24 घंटे के अंदर देनी होगी।

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के नियम कड़े

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दरअसल, सेबी चाहती हैं कि कंपनियों से जुड़ी अधिक से अधिक सूचनाएं निवेशकों और अन्य शेयरहोल्डर्स को मिलें ताकि उन्हें पता रहे कि क्या चल रहा है। यह कदम हमने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया है। 2017 में सेबी ने प्रस्ताव दिया था कि कंपनियों को लोन डिफॉल्ट की जानकारी एक वर्किंग डे के अंदर देनी चाहिए, लेकिन बैंकों और अन्य संबंधित पक्ष के आपत्ति जताने के बाद उसने इसे टाल दिया था। सेबी का कहना है कि अभी कंपनियों को डिफॉल्ट के बारे में कोई खुलासा नहीं करना पड़ता। इसलिए स्थिति तो बेहतर ही होने वाली है। सेबी के ये फैसले अगले साल की पहली तारीख से लागू होंगे।
मार्केट पर नजर रखने वालों और वकीलों ने भी बताया कि लिस्टेड कंपनियों के डिफॉल्ट का खुलासा करने से निवेशकों की कंपनी को लेकर बेहतर समझ बनेगी। जानकारों का कहना है कि सेबी के इस कदम से कंपनी को दिए गए कर्ज के एनपीए बनने से काफी पहले निवेशक को उसकी वित्तीय स्थिति की जानकारी मिलेगी।
उन्होंने बताया कि कंपनियां वित्तीय संस्थानों से कई तरह की मदद लेती हैं। ऐसे में सेबी को स्पष्ट करना होगा कि वह किस तरह और कितनी रकम तक के कर्ज पर डिफॉल्ट का खुलासा करने की बात कर रहा है ताकि हर लोन डिफॉल्ट के डिसक्लोजर की जरूरत न पड़े। उधर, कॉर्पोरेट गवर्नेंस एक्सपट्र्स ने कहा कि सेबी की इस पहल से इनसाइडर ट्रेडिंग भी घटेगी।
सेबी बोर्ड ने पोर्टफोलियो मैनेजर्स के लिए मिनिमम नेटवर्थ रिक्वायरमेंट को 2 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ और पीएमएस में न्यूनतम निवेश की रकम को 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दिया है। मौजूदा पोर्टफोलियो मैनेजरों को इस शर्त को पूरा करने के लिए तीन साल का समय मिलेगा। सेबी ने कहा है कि पीएमएस अग्रीमेंट के मुताबिक मौजूदा निवेश जारी रह सकते हैं। सेबी ने राइट्स इशू को पूरा करने की अवधि 58 से घटाकर 31 दिन कर दी है।
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