यहां तारक भवन में हुई इस बैठक में हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति तय की गई। बताया जा रहा है कि इस हड़ताल में देशभर के 10 लाख और प्रदेश के 20 हजार बैंककर्मचारी शामिल होंगे। इसके कारण प्रदेश की 5 हजार बैंक शाखाओं के ताले नहीं खुल सकेंगे और प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने का अंदेशा है। गौरतलब है कि बैंककर्मी केंद्र सरकार की बैंकिंग नीतियों का विरोध कर रहे हैं।
बैंककर्मियों का कहना है कि सरकार विलय और निजीकरण के माध्यम से कुछ औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाना चाहती है. उन्होंने कहा सरकार को चाहिए कि जिन औद्योगिक कंपनियों पर 13 लाख करोड़ की जो राशि बकाया है उन पर आपराधिक मामला दर्ज कर यह राशि वसूलने के लिए ठोस नीति बनाए. अपनी मांगों के समर्थन में बैंक कर्मचारी और अधिकारियों के सभी 9 संगठन इस हड़ताल में शामिल होंगे।