कार्यकर्ताओं के टंकी पर चढ़ने की सूचना जैसे ही पुलिस प्रशासन को मिली तो उनके होश उड़ गए। मौके पर अधिकारी पुलिस जाप्ता लेकर पहुंचे और नागरिक सुरक्षा दल की टीम बुलाई। पुलिस ने टंकी के नीचे सुरक्षा बंदोबस्त करते हुए जाल बंधवाया। शाम पांच बजे पुलिसए विश्वविद्यालय प्रशासनए जिला प्रशासन और एबीवीपी पदाधिकारियों के बीच वार्ता हुई। वार्ता में मांग की गई है कि विश्वविद्यालय प्रशासन सरकार को चुनाव आगे बढ़ाने के लिए पत्र लिखे। लेकिन विवि प्रशासन ने प्रवेश प्रक्रिया की स्थिति बनाते हुए एक पत्र तैयार किया। इससे एबीवीपी कार्यकर्ता सहमत नहीं हुए। देर रात तक एबीवीपी कार्यकर्ता टंकी से नहीं उतरे।
विश्वविद्यालय सरकार के दवाब में काम कर रहा है। विरोध को देखते हुए कुलपति उदयपुर चले गए हैं। सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। जो छात्र टंकी पर चढ़े हैंए उनकी मांग जायज है। छात्रों से हम भी टंकी से उतरने की मांग कर रहे हैं। लेकिन छात्र सरकार के रवैए से दुखी है। उन्होंने घोषणा की है कि मांगें नहीं माने जाने तक वे टंकी से नहीं उतरेंगे।
हुश्यार मीणा, राष्ट्रीय मंत्रीए एबीवीपी
छात्रों से हमारी वार्ता हुई है। उनकी मांग को देखते हुए सरकार को पत्र लिखा जाएगा। चुनाव का फैसला सरकार स्तर पर हुआ है। विश्वविद्यालय प्रशासन जल्दी से जल्दी प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने का प्रयास कर रहा है।
एच. एस. पलसानिया, चीफ प्रॉक्टर, राजस्थान यूनिवर्सिटी
प्रदेश में 26 अगस्त को छात्रसंघ चुनाव की तारीख निर्धारित की है। लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय सहित अन्य विवि में प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। ऐसे में विश्वविद्यालयों में चुनाव के लिए मतदाता नहीं दिख रहे हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष की कटऑफ जारी हो चुकी है। प्रवेश प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा सैकंड और थर्ड ईयर के पुनरू प्रवेश अभी तक नहीं हुए हैं। वहींए पीजी में प्रवेश अभी तक अटके हैं।
राजस्थान विश्वविद्यालय में टंकी पर चढ़े छात्रों की मांग जायज है। सरकार से मांग है कि छात्रसंघ चुनावों में सभी विद्यार्थियों को वोटिंग का अधिकार दें। विश्वविद्यालय में जब तक प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण ना हो तब तक चुनाव नहीं करवाए जाएं।
. किरोड़ी लाल मीणा, राज्यसभा सांसद