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10वीं, 12वीं के विद्यार्थी पढ़ेगे एनसीईआरटी का पाठयक्रम

locationजयपुरPublished: Jan 26, 2021 05:31:12 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

22 लाख विद्यार्थी पढ़ेगे नया सिलेबसनए सत्र से लागू किया जाएगा पाठयक्रमराज्य सरकार ने लिया निर्णयप्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मिलेगा फायदा


माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान (Board of Secondary Education Rajasthan ) की 10वीं व 12वीं की परीक्षा देने वाले 22 लाख से अधिक विद्याथियों अगले साल नई पुस्तकों और नया सिलेबस (New syllabus) पढऩे को मिलेगा। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Board of Secondary Education Rajasthan ) 2021-22 से सभी कक्षाओं के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने जा रहा है।
गौरतलब है कि इस साल सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में कक्षा छठी से 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम (NCERT Syllabus) शुरू किया जा चुका है। कक्षा 1 से 5वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव नहीं हुआ है। अब नए सत्र में 10वीं और 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थी भी एनसीईआरटी का कोर्स पढ़ सकेंगे। सिलेबस में बदलाव को लेकर बोर्ड की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
छह साल पहले बदला था सिलेबस
आपको बता दें कि बदला हुआ सिलेबस बोर्ड की परीक्षाओं के बाद लागू होगा। बोर्ड परीक्षा मई में प्रस्तावित हैं। इससे पूर्व तकरीबन छह साल पहले सिलेबस बदला गया था। तब एनसीईआरटी की जगह राजस्थान बोर्ड का सिलेबस लागू किया गया था जिसे अब एक बार फिर बदला जा रहा है और सरकार ने 10वीं और 12वीं के पुराने सिेलबस को बदलकर वापस स्कूलों में एनसीईआरटी का सिलेबस पढ़ाने की तैयारी कर ली है।
15 मई के बाद होगी परीक्षाएं, प्रायोगिक पर होना है निर्णय
उल्लेखनीय है कि राजस्थान बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं मार्च में होती हैं लेकिन इस बार कोविड के कारण स्कूल बंद रहे जिसका असर परीक्षा के आयोजन पर भी पड़ा। फिलहाल बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के नियमित व स्वयंपाठी विद्यार्थियों से ऑनलाइन आवेदन भरवाए हैं। आवेदन की अंतिम तिथि बोर्ड ने 8 जनवरी थी। अब बोर्ड को प्रायोगिक के साथ लिखित परीक्षा लेनी है और इसके लिए अभी तारीख घोषित नहीं की गई है।
प्रतियोगी परीक्षाओं में मिलेगा फायदा
एनसीईआरटी सिलेबस लागू करने का फायदा प्रतियोगी परीक्षाओं में मिलेगा। गौरतलब है कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में एनसीईआरटी सिलेबस से जुड़े सवाल ही पूछे जाते हैं ऐसे में जब 10वीं और 12वीं बोर्ड में ही विद्यार्थी इसे पढ़ेगे तो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में आसानी होगी। साथ ही देश के अन्य राज्यों से सिलेबस के साथ समानता भी होगी।

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