अभी तक यहा था नियम
वर्तमान में नेशनल मेडिकल कमीशन के फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंस रेगुलेशन के अनुसार भारत के बाहर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए पूरा कोर्स, ट्रेनिंग और इंटर्नशिप एक ही संस्थान से करना अनिवार्य है। यानी कोर्स तो दूर, ये स्टूडेंट्स मेडिकल इंटर्नशिप ट्रेनिंग भी भारत या किसी और देश से नहीं कर सकते है।
लेकिन अब यूूक्रेन में परिस्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय और एनएमसी ने इन विद्यार्थियों को लेकर नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। जिसके बाद वहां से लौटे विद्यार्थी अगर एफएमजीई परीक्षा पास करते है वह अपनी इंटर्नशिप पूरी कर सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेने के लिए नीति आयोग और अन्य चिकित्सा आयोगों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है।
वर्तमान में नेशनल मेडिकल कमीशन के फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंस रेगुलेशन के अनुसार भारत के बाहर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए पूरा कोर्स, ट्रेनिंग और इंटर्नशिप एक ही संस्थान से करना अनिवार्य है। यानी कोर्स तो दूर, ये स्टूडेंट्स मेडिकल इंटर्नशिप ट्रेनिंग भी भारत या किसी और देश से नहीं कर सकते है।
लेकिन अब यूूक्रेन में परिस्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय और एनएमसी ने इन विद्यार्थियों को लेकर नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। जिसके बाद वहां से लौटे विद्यार्थी अगर एफएमजीई परीक्षा पास करते है वह अपनी इंटर्नशिप पूरी कर सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेने के लिए नीति आयोग और अन्य चिकित्सा आयोगों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है।