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चार साल में 10 हज़ार युवाओं की मौत आत्महत्या से, 2042 विधार्थियों ने गंवाई जान

locationजयपुरPublished: Feb 07, 2023 12:17:08 pm

Submitted by:

Vikas Jain

तीन वर्ष में 77 प्रतिशत बढ़े विद्यार्थियों की आत्महत्या के मामले
प्रतिदिन 10 युवा जीवन समाप्त कर रहे, राज्य में 2.30 लाख युवा हाई सुसाइड रिस्क जोन में

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विकास जैन

जयपुर। परीक्षा में असफलता का डर, लव अफेयर, ब्रेकअप, बेरोजगारी और मानसिक विकार सहित कई अन्य कारण युवाओं की मनोदशा खराब कर रहे हैं। राज्य में चार साल में 10 हज़ार युवाओं की मौत आत्महत्या से हुई है। इनमें 2042 विधार्थियों ने जान गंवाई हैं। राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से समय-समय पर जारी क्राइम इन राजस्थान रिपोर्ट में आत्महत्या के मामलों का विश्लेषण करने पर सामने आया कि राज्य में प्रति वर्ष दर्ज होने वाले आत्महत्या के कुल मामलों में से 50 प्रतिशत मामले युवा आत्महत्या के हैं।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 के मुकाबले वर्ष 2021 में विधार्थियों के आत्महत्या के मामलों में 77 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। छात्र आत्महत्या के मामलों में यह वृद्धि 74 और छात्रा आत्महत्या मामलों में 81 प्रतिशत रही। गौरतलब है कि राज्य के कोचिंग हब सहित प्रदेश भर में विद्यार्थियों की आत्महत्या के कई मामले लगातार सामने आते रहे हैं।
आत्महत्या चार बड़े कारणों में

राष्ट्रीय युवा नीति के अनुसार 15 से 29 वर्ष आयु युवा वर्ग की मानी जाती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राज्य में इस वर्ग की आबादी 28.7 प्रतिशत है। यानी करीब 2.30 करोड़ युवा राजस्थान में हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वैश्विक स्तर पर इस आयु वर्ग में होने वाली मृत्यु के 4 बड़े कारण सड़क दुर्घटना, टीबी, पारस्परिक हिंसा और आत्महत्या हैं। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार राज्य में 80 लाख लोग मनोसामाजिक विकलांगता से ग्रसित हैं। 8 लाख लोग हाई सुसाइड रिस्क जोन में, जिनमें 2.30 लाख युवा हैं।
विद्यार्थियों में आत्महत्या के मामले

वर्ष छात्र छात्राएं कुल


2018 221 137 358
2019 297 172 469
2020 348 234 582
2021 385 248 633
कुल 1251 791 2042

युवाओं में आत्महत्या के अन्य प्रमुख कारण
घरेलु झगड़े, वैवाहिक झगड़े और समस्याएं, शराब-तंबाकू या अन्य मादक पदार्थों का नशा,
विवाहेत्तर संबंध, लंबी बीमारी, बेरोजगारी, दहेज़ संबंधित सम्बंधित झगड़े, समस्याएं

क्या करें

मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और सहायता मांगने में संकोच ना करें
आत्महत्या के या नकारात्मक विचार आने पर तुरंत विशेषज्ञों की मदद लें
आत्महत्या रोकथाम नीति लेकर आये सरकार

राज्य की आर्थिक एवं सामाजिक उन्नति में योगदान देने वाला युवा विभिन्न कारणों से स्वयं का जीवन समाप्त कर रहा है, जो बेहद गंभीर जनस्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक समस्या की ओर इशारा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि बजट प्रदेश के युवाओं एवं विधार्थियों को समर्पित होगा। युवाओं को अकाल मृत्यु से बचाने के लिए राज्य सरकार बजट में आत्महत्या रोकथाम नीति लेकर आये।
भूपेश दीक्षित, जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ, जयपुर
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